झारखंड में बिजली संकट, JBVNL ने खड़े किये हाथ, आपूर्ति न होने की ये है बड़ी वजह
निदेशक के अनुसार जेबीवीएनएल को विभिन्न केंद्रीय विद्युत उत्पादन उपक्रमों से कुल 1014.497 मेगावाट बिजली मिलती है. लेकिन अभी मात्र 757.39 मेगावाट बिजली ही मिल रही है.
झारखंड में मांग के अनुरूप बिजली की उपलब्धता नहीं है. एनटीपीसी समेत केंद्रीय विद्युत उपक्रमों से पर्याप्त मात्रा में बिजली नहीं मिल पा रही है. यही वजह है कि राज्य में बिजली संकट है. यह बातें झारखंड बिजली वितरण निगम (जेबीवीएनएल) की ओर से निदेशक केके वर्मा ने कही. उन्होंने कहा कि राज्य में अधिकतम बिजली की मांग लगभग 2700 मेगावाट है. जबकि जेबीवीएनएल को 2300 मेगावाट ही बिजली उपलब्ध हो पा रही है. बाकी बचे चार सौ मेगावाट बिजली की भरपाई नहीं हो पा रही है.
निदेशक के अनुसार जेबीवीएनएल को विभिन्न केंद्रीय विद्युत उत्पादन उपक्रमों से कुल 1014.497 मेगावाट बिजली मिलती है. लेकिन अभी मात्र 757.39 मेगावाट बिजली ही मिल रही है. एनटीपीसी के विभिन्न विद्युत उत्पादन उपक्रम से आवंटित 803.97 मेगावाट के विरुद्ध मात्र 585.72 मेगावाट विद्युत आपूर्ति की जा रही है. इसका कारण जब एनटीपीसी से पूछा गया तो बताया गया कि विभिन्न प्लांटों में मेंटेनेंस वर्क चलने या खराबी आने के कारण आपूर्ति आवंटन के अनुसार नहीं की जा रही है.
जेबीवीएनएल द्वारा बताया गया कि बिजली आपूर्ति में कमी होने पर निगम इंडियन एनर्जी एक्सचेंज अथवा पावर एक्सचेंज इंडिया लिमिटेड से बिजली खरीद कर आपूर्ति की जाती है, परंतु इन पावर एक्सचेंज में भी बिजली की कमी है. इस कारण मांग के अनुरूप पावर एक्सचेंज से भी बिजली नहीं मिल रही है. औसतन पीक ऑवर में इंडियन एनर्जी एक्सचेंज से देश भर से 50,000 से 60,000 मेगावाट बिजली की मांग नियमित रूप से हो रही है.
इसके विरुद्ध बिहार-झारखंड के लिए केवल 800 से 1200 मेगावाट ही बिजली उपलब्ध हो पा रही है. जेबीवीएनएल को सोलर पावर से भी 460 मेगावाट का आवंटन मिलता है. इससे दिन में 450 मेगावाट पावर की आपूर्ति होती है. लेकिन विंड पावर से भी इस समय सिर्फ 135 मेगावाट ही बिजली मिल रही है.
राजधानी में ग्रिडों को 35 मेगावाट कमआपूर्ति, दो से तीन घंटे गुल रही बिजली
बिजली की कम उपलब्धता के कारण राजधानी के सबस्टेशनों को पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है. ग्रिडों को शनिवार को पीक आवर में करीब 35 मेगावाट कम बिजली दी गयी. इस कारण विभिन्न क्षेत्रों में दो से तीन घंटे की कटौती की गयी. राजधानी के ज्यादातर इलाकों में रोटेशन के आधार पर लोड शेडिंग कर बारी-बारी से बिजली दी गयी. देर शाम बूंदाबांदी के कारण रिंग रोड से सटे बानापीढ़ी, जगुआर, ब्रांबे और रातू इलाके में बिजली आपूर्ति प्रभावित रही. सेंट्रल लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी) से राजधानी को सप्लाई देने वाले तीनों ग्रिडों को मांग की तुलना में कम बिजली की आपूर्ति हुई.