रांची : अपनी विभिन्न मांगों को लेकर झारखंड उर्जा विकास श्रमिक संघ गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये. इससे पहले बिजली विभाग के कर्मियों ने हड़ताल की जानकारी दे दी थी. बुधवार को बैठक कर उन्होंने कहा था कि 6 सूत्री मांगों को लेकर झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ के हजारों सदस्य तीन अक्तूबर से हड़ताल पर जा रहे हैं. राज्य में आउटसोर्स अभिशाप बन गया है. हर जगह लूट-खसोट चरम पर है. सरकार सोयी हुई है. हड़ताल के अलावा संघ के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है. उनके हड़ताल से ये साफ हो चला है कि बिजली आपूर्ति में समस्या आयेगी.
आर-पार की लड़ाई की तैयारी में कर्मी
झारखंड बिजली विभाग के कर्मियों ने कहा कि राज्य के विद्युत कर्मचारी आक्रोश में हैं. सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं. बैठक में हड़ताल की तैयारियों पर विचार किया गया. उन्होंने दावा किया कि हड़ताल में लगभग हजारों विद्युत कर्मी शामिल होंगे.
विद्युत कर्मियों की क्या है मांगें
विद्युत कर्मियों की मांग है कि आउटसोर्स व्यवस्था समाप्त कर पुरानी व्यवस्था लागू करें. साथ ही होमगार्ड की तर्ज पर विद्युत कर्मियों को अनुभव के आधार पर चार वर्ग तय हो, जिसमें नियमित नियुक्ति में प्राथमिकता प्रावधान हो. इसके अलावा 10 वर्ष से ऊपर सेवा देने वाले कर्मियों की नियमित नियुक्ति, सप्लाई और ट्रांसमिशन जोन में एरियर घोटाले की जांच, इसके अलावा जहां एरियर नहीं दिया गया है, वहां भुगतान सुनिश्चित की जाए. उन्होंने घोषणा की है कि अगर यह मांग नहीं मानी गयी तो संघ राजभवन का घेराव भी करेगा.