jharkhand electricity update रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को ऊर्जा विभाग के कार्यों की समीक्षा की. इस दौरान उन्हें बताया गया कि झारखंड को एक-दो वर्षों में तीन हजार मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलेगी. इस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जब इतनी अतिरिक्त बिजली झारखंड को मिलने लगेगी तो ऐसे में डीवीसी की क्या जरूरत पड़ेगी. उन्होंने कहा कि झारखंड ऊर्जा विकास निगम डीवीसी पर निर्भरता खत्म करें और अपना सिस्टम डेवलप करे.
साथ ही आने वाली तीन हजार मेगावाट बिजली की खपत कहां और कैसे होगी, इसका रोडमैप बनाये. उन्हें बताया गया कि राज्य में बन रहे पावर प्लांट का राज्य सरकार के साथ इकरारनामे की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. इसके तहत नॉर्थ कर्णपुरा से 500 मेगावाट, पीवीयूएनएल पतरातू से 2040 मेगावाट, फ्लोटिंग सोलर से 100 मेगावाट और अडानी पावर से 400 मेगावाट बिजली मिलेगी.
राज्य में वर्तमान में बिजली की औसतन मांग 2050 मेगावाट है. जबकि अगले पांच सालों में 2900 मेगावाट और आनेवाले दस साल में 3440 मेगावाट बिजली की मांग होगी. पावर प्लांट से इसकी जरूरत पूरी हो जायेगी. वहीं नॉर्थ कर्णपुरा से अगले दो माह में उत्पादन शुरू हो जायेगा. सीएम ने अधिकारियों को अबाधित और गुणवत्तायुक्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
कहा कि बिजली उत्पादन के क्षेत्र में राज्य को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में विभाग समुचित कदम उठाये. बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार, निदेशक (ऑपरेशन) केके वर्मा, मुख्य अभियंता विजय कुमार सिन्हा, ऋषि नंदन, अंजना शुक्ला दास और संजय सिंह मौजूद थे.
बिजली घाटे को कम करें, राजस्व बढ़ायें : मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली से होनेवाला घाटा लगातार बढ़ रहा है. इसे पाटने की दिशा में विभाग यथोचित कदम उठाये. उन्होंने बिजली से राजस्व बढ़ाने का भी निर्देश अधिकारियों को दिया. इस मौके पर विभाग की ओर से बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में बिजली परिचालन हानि लगभग 2480 करोड़ रुपये रहा है. कोरोना की वजह से बिजली बिल वसूली का नहीं होना इसकी प्रमुख वजह है. अगले दो वर्षों में झारखंड बिजली वितरण निगम प्रोफिट मेकिंग कंपनी बन जायेगी.
-जरेडा द्वारा देवघर, सिमडेगा, पलामू और गढ़वा में 20-20 मेगावाट का सोलर पावर प्लांट लगाने की योजना है. इसके लिए जमीन आवंटन प्राप्त कर केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय को स्वीकृति के लिए भेजा गया है.- ट्रांसमिशन व डिस्ट्रीब्यूशन लॉस को 45 फीसदी से कम कर 20 फीसदी करने का लक्ष्य
-रांची, जमशेदपुर व धनबाद के शहरी क्षेत्रों में प्री-पेड स्मार्ट मीटर लगेगा. 6.5 लाख स्मार्ट मीटर खरीदे जायेंगे
-राज्य में बिना मीटर वाले अथवा खराब मीटरवाले उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 15 लाख है- सिंगल फेज मीटर लगाने व बदलने का काम इस साल दिसंबर तक पूरा कर लिया जायेगा
-उपभोक्ताओं की मैपिंग के लिए जीआइएस तकनीक लागू होगा, ताकि ऊर्जा मित्र बिल की निगरानी कर सकें
-गिरिडीह जिला को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जायेगा
-एयरपोर्ट की खाली पड़ी जमीन पर सोलर प्लांट स्थापित किया जा रहा है
उपभोक्ताओं को अबाधित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश
ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोतों को विकसित करने पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोतों को विकसित करने का समय आ चुका है. ऐसे में राज्य में सोलर पावर और जल विद्युत परियोजनाओं से बिजली उत्पादन के क्षेत्र में संभावनाएं तलाशी जानी चाहिए. विभाग से कहा कि जल विद्युत परियोजनाओं के लिए सभी जलाशयों का सर्वे करें और उसकी संभावित उत्पादन क्षमता को लेकर कार्ययोजना तैयार करे.
-
सभी जिलों में सोलर पावर प्लांट लगाने का पदाधिकारियों को दिया निर्देश
-
उपभोक्ता को एप आधारित सुविधा मिले, ताकि शिकायत भी कर सकें
-
बिजली उत्पादन बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम उठाने को कहा
-
तेनुघाट के विस्तारीकरण के लिए एक्सपर्ट कमेटी होगी गठित
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सोलर पावर एनर्जी के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं. लेकिन इसके लिए बड़े पैमाने पर भूमि की जरूरत पड़ती है. ऐसे में सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए लैंड बैंक बनाया जायेगा. उन्होंने विभाग को सोलर पावर प्लांट के उत्पादन क्षमता का आकलन करते हुए जमीन की जरूरत का ब्योरा तैयार करने को कहा. वहीं सीएम ने सौर ऊर्जा से एक हजार मेगावाट बिजली पैदा करने का लक्ष्य दिया है.
सीएम ने कहा कि राज्य का एकमात्र बिजली प्लांट तेनुघाट है. वहां विस्तारीकरण के लिए एक्सपर्ट कमेटी गठित करें. उनकी रिपोर्ट पर विस्तारीकरण का काम किया जायेगा.
Posted By : Sameer Oraon