Jharkhand News: वन विभाग से NOC नहीं मिलने के कारण ग्रिड व ट्रांसमिशन लाइन का काम फंसा
वन विभाग से एनओसी नहीं मिलने के कारण झारखंड में ग्रिड सब-स्टेशन और ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण बाधित हो गया है. अगर इसका निर्माण हो जाता है तो 1.18 करोड़ लोगों को इसका लाभ होगा
रांची : वन विभाग से एनओसी नहीं मिलने के कारण राज्य में पांच ग्रिड सब-स्टेशन और 15 ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण बाधित है. किसी न किसी कारणवश काम रुका पड़ा है. निर्माण के बाद राज्य के हजारीबाग, कोडरमा, चतरा, रामगढ़, गिरिडीह, धनबाद व बोकारो जिले को ग्रिड और ट्रांसमिशन लाइन का लाभ मिलेगा. राज्य की लगभग 1.18 करोड़ की आबादी प्रत्यक्ष रूप से बिजली की इन आधारभूत संरचनाओं के बनने से लाभान्वित होगी. बिजली प्रबंधन सरकार से मदद की गुहार लगा चुका है.
योजनाएं पूर्ण होने से डीवीसी पर कम होगी निर्भरता :
बताया गया है कि योजनाओं के पूरा होने से न सिर्फ डीवीसी कमांड एरिया में झारखंड बिजली वितरण निगम मजबूत होगा, बल्कि डीवीसी पर निर्भरता भी कम होगी. वहीं आनेवाले समय में नॉर्थ कर्णपुरा पावर प्लांट व पतरातू पावर प्लांट के चालू होने से इन इलाकों में दो से तीन हजार मेगावाट बिजली संचरण की सुविधा मिल पायेगी. इससे बड़ी आबादी को अनियमित बिजली कट से राहत मिलेगी. वहीं ग्रामीण इलाके में भी बिजली आपूर्ति सुचारू रूप से हो सकेगी. खेती-बारी में भी किसानों को सुविधा होगी.
ट्रांसमिशन लाइन बनने से 1.18 करोड़ की आबादी को मिलेगा लाभ, लोडशेडिंग से मिलेगी निजात
क्लीयरेंस को लेकर नहीं हो पा रहा है बिजली नेटवर्क का विस्तार, राज्य सरकार से मदद की लगा चुका है गुहार
ये काम हैं लंबित
ग्रिड सब स्टेशन लंबित रहने की वजह
बरही एनओसी के लिए वन विभाग ने सीए लैंड की मांग की है.
मामला राजस्व पर्षद के पास लंबित़
रामगढ़ वन विभाग की ओर से सीए लैंड की मांग.
हंटरगंज वन विभाग की ओर से सीए लैंड की मांग.
बड़कागांव वर्ष 2018 से एनओसी के लिए आवेदन पोर्टल पर अपलोड है, पर भूमि समस्या का समाधान नहीं हो सका है़
सिमरिया पेड़ कटाई की अनुमति की प्रत्याशा में काम लंबित़
ट्रांसमिशन लाइन लंबित रहने की वजह
220 केवी टीटीपीएस- स्टेज-1 क्लीयरेंस मिल चुका है, पर
गोविंदपुर लाइन का डीएफओ बोकारो की ओर से मांग पत्र
जैना मोड़ ग्रिड में लिलो निर्गत नहीं किया गया है
132 केवी चंदनकियारी धनबाद के 10 लोकेशन में राइट ऑफ
-गोविंदपुर लाइन वे की समस्या है. यानी लोगों की ओर
से लाइन निर्माण में बाधा उत्पन्न की जा रही है.
132 केवी डाढ़ा-इटखोरी लाइन वन विभाग के पास एनओसी लंबित है
132 केवी बरही-इटखोरी लाइन वन विभाग ने मांग पत्र नहीं दिया है
132 केवी विष्णुगढ़-सरिया लाइन एनओसी नहीं मिला है
132 केवी जमुआ-गांवा लाइन वन विभाग की ओर से 9.15 करोड़ का मांग पत्र
दिया गया है, इसमें छूट का आग्रह किया गया है
132 केवी बड़कागांव-पतरातू लाइन बड़कागांव ग्रिड के लिए भूमि सुनिश्चित नहीं है
जो भी बिजली विभाग के प्रोजेक्ट पेंडिंग हैं, उन्हें लेकर वन विभाग गंभीर है. भारत सरकार के परिवेश पोर्टल पर जो भी मामला है, उसका निराकरण हो रहा है. कई मामलों में बिजली विभाग से कुछ रिपोर्ट मांगी गयी है. वन विभाग विकास कार्यों को पूरा करने को लेकर काफी संजीदा है.
एके रस्तोगी,
पीसीसीएफ, वन विभाग
Posted By: Sameer Oraon