मनोज सिंह, रांची : रांची कोषागार (ट्रेजरी) से पेयजल स्वच्छता विभाग के एक कर्मी ने गलत डीडीओ (निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी) कोड बना कर 20 करोड़ रुपये की निकासी कर ली है. इसकी अनुमति वरीय अधिकारियों से भी ले ली थी. महालेखाकार (एजी) ने इसकी जानकारी राज्य सरकार के वित्त विभाग को दी थी. इसके बाद पांच सदस्यीय जांच कमेटी बनायी गयी थी. जांच कमेटी ने इसमें पेयजल स्वच्छताकर्मी की गलती पकड़ी है. उसे निलंबित कर दिया गया है.
वित्त विभाग ने रांची ट्रेजरी के कोषागार पदाधिकारी से पूरे मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी. रांची कोषागार ने इससे संबंधित रिपोर्ट वित्त विभाग को भेज दी है. वित्त विभाग के कोषागार एवं सांस्थिक वित्त निदेशालय के निदेशक रमेश घोलप ने इससे संबंधित पत्र रांची के कोषागार पदाधिकारी को दिया था. यह मामला पिछले और वर्तमान वित्तीय वर्ष का है. श्री घोलप ने लिखा था कि रांची कोषागार से डीडीओ कोड (आरएनएसीडब्ल्यूएसएस 0017) से वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 में लगभग 20 करोड़ रुपये की संदिग्ध निकासी कर भुगतान किया गया है. यह सरकार के बिलिंग और अकाउंटिंग पोर्टल पर दिख नहीं रहा है. कुबेर पोर्टल पर भी बिना आवंटन के दिख रहा है. पीडब्ल्यूडी डिवीजन की ओर से इसकी कोई अकाउंटिंग नहीं की गयी है. महालेखाकार ने डीडीओ कोड द्वारा की गयी निकासी का तिथिवार विवरण (चेक संख्या और राशि सहित) उपलब्ध कराया है. अत: महालेखाकार द्वारा उठायी गयी आपत्ति के आलोक में बिल की बिंदुवार जांच कर प्रतिवेदन उपलब्ध करायें.
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महालेखाकार ने वित्त विभाग को जानकारी दी है कि यह मामला रांची ट्रेजरी से जुड़े पेयजल स्वच्छता विभाग के स्वर्णरेखा हेड वर्क्स डिवीजन का है. जांच के दौरान महालेखाकार ने पाया कि अलग-अलग दो ट्रेजरी कोड से राशि की निकासी की गयी है. इसमें एक ट्रेजरी कोड (आरएनएसीडब्ल्यूएसएस 0017) से निकाली गयी राशि का हिसाब विभाग के पास भी नहीं है. इस कारण एजी ने इस डीडीओ कोड से होने वाले आगे के भुगतान को बैंकों से नहीं करने का आग्रह करने के लिए वित्त विभाग को लिखा है.
महालेखाकार ने लिखा है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में इस हेड से करीब दो करोड़ 39 लाख रुपये का भुगतान किया गया है. इसी तरह वित्तीय वर्ष 2023-24 में करीब 17 करोड़ 68 लाख रुपये का भुगतान किया गया है. 2023-24 में कुल 60 वित्तीय ट्रांजेक्शन पर संदेह व्यक्त किया गया है. इस दौरान कई लोगों के खाते में 94 लाख रुपये से अधिक डाले गये हैं. कई लोगों के खाते में चार-पांच लाख रुपये भी डाले गये हैं.