झारखंड के पूर्व सीएम रघुवर दास ने बीजेपी से दिया इस्तीफा, दिल्ली में जेपी नड्डा समेत कई नेताओं से मिले
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सदस्यता छोड़ दी है. बृहस्पतिवार (26 अक्टूबर) को नई दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलकर उन्होंने प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया. दिन में उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की थी.
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सदस्यता छोड़ दी है. बृहस्पतिवार (26 अक्टूबर) को नई दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलकर उन्होंने प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया. दिन में उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की थी. इसके बाद उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष से भी मुलाकात की. बता दें कि रघुवर दास 31 अक्टूबर को ओडिशा के राज्यपाल के रूप में शपथ लेंगे. इसलिए उन्होंने बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. नवरात्रि के दौरान ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें ओडिशा का राज्यपाल नियुक्त किया था.
18 अक्टूबर को राष्ट्रपति ने ओडिशा का राज्यपाल नियुक्त किया
राष्ट्रपति भवन ने 18 अक्टूबर 2023 को उन्हें ओडिशा का राज्यपाल नियुक्त करने की सूचना जारी की थी. रघुवर दास के अलावा इंद्र सेना रेड्डी नल्लू को उसी दिन त्रिपुरा का राज्यपाल बनाया गया था. राष्ट्रपति भवन ने कहा था कि जिस दिन से ये लोग पदभार ग्रहण करेंगे, उसी दिन से इनकी नियुक्ति प्रभावी होगी. बता दें कि रघुवर दास बीजेपी के जमीन से जुड़े नेता थे. जनता पार्टी से वह बीजेपी में शामिल हुए थे. बूथ स्तर के कार्यकर्ता से प्रदेश अध्यक्ष और फिर झारखंड के मुख्यमंत्री तक का सफर तय किया. मुख्यमंत्री बनने के पहले उन्होंने कई विभागों के मंत्री के रूप में काम किया. बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा की सरकार में मंत्री रहे. अब उन्हें राज्यपाल के पद पर पदोन्नत किया गया है.
31 अक्टूबर को ओडिशा के राज्यपाल के रूप में शपथ लेंगे रघुवर
रघुवर दास झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बने, जिन्होंने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया. बीजेपी के संगठन में वह मंडल अध्यक्ष से प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तक बने. दो-दो बार उनको राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया. वर्ष 2014 में जब झारखंड लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सबसे अधिक सीटें जीतीं, तो केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें सूबे की सत्ता संभालने के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति पाया. वह वर्ष 2014 से वर्ष 2019 तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे. वर्ष 2019 में जब बीजेपी चुनाव हार गई, तो केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें फिर से उपाध्यक्ष बनाया. अब वह 31 अक्टूबर को ओडिशा के राज्यपाल के रूप में शपथ लेंगे.