राज्य में लक्ष्य के अनुरूप शराब की बिक्री नहीं होने से राजस्व को हुए नुकसान का आकलन किया जायेगा. उत्पाद व मद्य निषेध विभाग ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है. विभाग के महाप्रबंधक (वित्त) को इसकी जिम्मेदारी मिली है. राजस्व नुकसान के आकलन का कार्य इस सप्ताह पूरा हो जायेगा. इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी.
एजेंसी को पहले दंड स्वरूप राशि जमा करने के लिए कहा जायेगा. अगर एक सप्ताह में राशि जमा नहीं की गयी, तो फिर संबंधित एजेंसी पर सर्टिफिकेट केस किया जायेगा. राज्य में शराब से 31 मार्च तक 2310 करोड़ रुपये राजस्व का लक्ष्य रखा गया था. अब तक लगभग 1800 करोड़ रुपये राजस्व मिले हैं.
यह लक्ष्य से लगभग 500 करोड़ रुपये कम है. 31 मार्च तक अधिकतम सौ करोड़ रुपये और राजस्व की प्राप्ति हो सकती है. ऐसे में लगभग 400 करोड़ रुपये राजस्व के नुकसान की संभावना है. प्लेसमेंट एजेंसी बिना बैंक गारंटी के राज्य में शराब बेच रही है. वहीं राज्य के खुदरा शराब कारोबारियों की लगभग सौ करोड़ से अधिक सिक्यूरिटी राशि वापस नहीं की गयी है.
15 मार्च के बाद राज्य के खुदरा दुकानों का ऑडिट शुरू होगा. उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है. दुकानों के स्टॉक का मिलान किया जायेगा. दुकानों की सेल पंजी की भी जांच होगी. प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा बैंक गारंटी की राशि जमा नहीं करने को विभागीय मंत्री जगरनाथ महतो ने गंभीरता से लिया है.