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Jharkhand: निजी कंपनियों के हाथों में था शराब की बोतलों पर होलोग्राम छापने का काम, अब होंगे ब्लैक लिस्ट

राज्य सरकार ने शराब के व्यापार में राजस्व की चोरी रोकने के उद्देश्य से शराब की बोतलों पर होलोग्राम लगाने की योजना वर्ष 2013-14 में बनायी थी. विभाग ने निजी कंपनी से होलोग्राम छपाई का प्रस्ताव तैयार किया

रांची, शकील अख्तर: झारखंड सरकार ने शराब की बोतलों पर लगनेवाले होलोग्राम की छपाई का काम छह साल बाद नासिक स्थित सरकारी प्रेस के बजाय दिल्ली की निजी कंपनी ‘प्रिज्म होलोग्राम’ को दे दिया. कंपनी से पांच साल का करार किया गया था. अब विभागीय मंत्री कंपनी के काम से संतुष्ट नहीं हैं, इसलिए उन्होंने कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने (काली सूची में डालने) का निर्देश दिया है.

वर्ष 2013-14 में बनी थी योजना :

राज्य सरकार ने शराब के व्यापार में राजस्व की चोरी रोकने के उद्देश्य से शराब की बोतलों पर होलोग्राम लगाने की योजना वर्ष 2013-14 में बनायी थी. विभाग ने निजी कंपनी से होलोग्राम छपाई का प्रस्ताव तैयार किया. वित्त विभाग के तत्कालीन सचिव एपी सिंह ने इस पर आपत्ति की. चूंकि होलोग्राम सरकार को राजस्व में मिलनेवाले रुपयों का दूसरा स्वरूप है, इसलिए वे इसे निजी हाथों में देने के लिए सहमत नहीं थे.

उनकी आपत्ति के कुछ ही दिनों बाद उनका तबादला कर दिया गया. हालांकि, सरकार ने वर्ष 2015 में होलोग्राम छापने का काम नासिक स्थित सरकारी प्रेस को दिया. सरकारी प्रेस से होलोग्राम छापने के लिए राज्य सरकार एक-एक साल का एकरारनामा तैयार करती थी. वहां से होलोग्राम छापने का सिलसिला सितंबर 2021 तक चला. इस बीच उत्पाद विभाग ने नीति में बदलाव कर होलोग्राम छापने का काम निजी कंपनी को देने का फैसला किया. साथ ही टेंडर के सहारे यह काम दिल्ली की कंपनी ‘प्रिज्म हॉलोग्राम’ को दे दिया. सरकार ने इस कंपनी का काम संतोषप्रद होने की शर्त पर पांच साल तक उससे होलोग्राम छपवाने का करार किया है.

इसलिए कंपनी को काली सूची में डाला जा रहा

राज्य के उत्पाद मंत्री ‘प्रिज्म हॉलोग्राम’ के काम से संतुष्ट नहीं हैं. कंपनी को काम देने के करीब 11 महीने बाद अगस्त 2022 में विभागीय मंत्री ने शराब के व्यापार से जुड़े मामलों की समीक्षा की. उन्होंने पाया कि राज्य में ‘ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम’ को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए कंपनी ने ‘इंटर डिपो सॉफ्टवेयर मॉड्यूल’ सहित अन्य तकनीक तैयार नहीं की है. मामले की गंभीरता को देखते हुए मंत्री ने कंपनी को इसके लिए एक महीने का समय दिया.

तय समय सीमा में ‘ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम’ के पूरी तरह लागू नहीं होने पर कंपनी को काली सूची में डालने का निर्देश दिया था. हालांकि, इस मामले में अब तक विभागीय मंत्री को कोई जानकारी नहीं मिली है. इसलिए मंत्री ने 31 जनवरी 2023 को विभागीय अधिकारियों के पत्र लिख कर ‘ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम’ के लागू करने के मामले में जानकारी मांगी है.

बोतलों पर नकली होलोग्राम का इस्तेमाल

सरकार की कोशिशों के बावजूद राजस्व चोरी के लिए शराब की बोतलों पर नकली होलोग्राम का इस्तेमाल होता रहा है. उत्पाद विभाग द्वारा की जा रही जांच पड़ताल के दौरान नयी बोतलों पर पुराना होलोग्राम इस्तेमाल करने का मामला भी पकड़ में आया है. पलामू जिले में उत्पाद विभाग ने नवंबर 2022 में ‘टंच स्ट्रांग’ ब्रांड के 850 पेटी देसी शराब जब्त किया था. इस ब्रांड का देसी शराब टाटीसिलवे स्थित श्रीलैब डिस्टिलरी नामक कंपनी बनाने के लिए अधिकृत है. पलामू में पकड़ी गयी शराब की बोतलों को झारखंड का पुराना होलोग्राम लगा हुआ था, लेकिन बोतलें नयी उत्पाद नीति के अनुरूप ‘कांच’ की थी. मामले में अभी जांच जारी है.

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