झारखंड में शराब की रिकॉर्ड कमाई, फिर भी लक्ष्य से 236 करोड़ पीछे

झारखंड में ‘नयी उत्पाद नीति’ के तहत शराब की बिक्री एक मई 2022 से शुरू हुई थी. इसलिए राजस्व का लक्ष्य घटा कर 2310 करोड़ रुपये कर दिया गया. इसमें बताया गया कि शराब की बिक्री से मौजूदा वित्तीय वर्ष में लगभग 2050 करोड़ रुपये का ही राजस्व प्राप्त होगा

By Prabhat Khabar News Desk | March 31, 2023 2:41 AM

राज्य में वित्तीय वर्ष 2022-23 में शराब की बिक्री से रिकॉर्ड कमाई हुई है. इसके बावजूद यह निर्धारित राजस्व लक्ष्य से लगभग 236 करोड़ रुपये पीछे है. उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 28 मार्च तक राज्य को शराब की बिक्री से 2054 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है. 30 मार्च को शराब की दुकानें बंद थी. प्रतिदिन शराब की बिक्री से प्राप्त औसतन राजस्व के आधार पर 31 मार्च तक कमाई का आंकड़ा 2074 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. इसके बाद भी यह निर्धारित राजस्व का लक्ष्य पूरा नहीं कर पायेगा.

वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए शराब की बिक्री से 2500 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य तय किया गया था. चूंकि झारखंड में ‘नयी उत्पाद नीति’ के तहत शराब की बिक्री एक मई 2022 से शुरू हुई थी. इसलिए राजस्व का लक्ष्य घटा कर 2310 करोड़ रुपये कर दिया गया. मार्च 2023 में शराब की बिक्री से मिलनेवाले राजस्व का आकलन किया गया.

इसमें बताया गया कि शराब की बिक्री से मौजूदा वित्तीय वर्ष में लगभग 2050 करोड़ रुपये का ही राजस्व प्राप्त होगा, जो तय लक्ष्य हिसाब से लगभग 236 करोड़ रुपये कम है. इससे पहले वित्तयी वर्ष 2019-20 में शराब की बिक्री से सबसे अधिक 2009 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था. इसके बाद कोविड के कारण वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1821 और वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1806 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था.

वित्तीय वर्ष 2022-23 में लागू की गयी थी नयी उत्पाद नीति :

वित्तीय वर्ष 2022-23 में झारखंड में ‘नयी उत्पाद नीति’ लागू की गयी थी. इसके तहत ‘छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड’ को कंसल्टेंट नियुक्त किया गया. इसके अलावा शराब के थोक करोबार की जिम्मेदारी दो निजी कंपनियों को दी गयी थी. खुदरा शराब बेचने के लिए अलग से प्लेसमेंट एजेंसी का चयन किया गया. दिसंबर 2022 में जेएसबीसीएल शराब का थोक कारोबार करने लगी. मार्च 2023 विभागीय मंत्री के निर्देश पर कंसल्टेंट कंपनी को भी हटा दिया गया. अब अगले वित्तीय वर्ष से शराब बेचने के लिए नयी प्लेसमेंट एजेंसी का चयन किया जायेगा, जिसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है

अधिक कीमत ली, पानी मिलाकर बेची शराब

चयनित प्लेसमेंट एजेंसी लक्ष्य के अनुरूप शराब नहीं बेच पायी. एजेंसी पर शराब बिक्री में गड़बड़ी का भी आरोप लगा. राज्य के विभिन्न जिलों में तय कीमत से अधिक पैसे लेने और शराब में पानी मिलाकर बेचने की शिकायतें सामने आयीं. कई जिलों में इन मामलों में प्राथमिकी भी दर्ज की गयी.

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