12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सूखा की आशंका को देखते हुए झारखंड सरकार का बड़ा कदम, फसलों की क्षति होने पर मिलेगा मुआवजा, जानें डिटेल्स

सुखाड़ की स्थिति को देखते हुए झारखंड सरकार ने फसल राहत योजना लागू की है. इसके तहत सरकार किसनों को फसल की क्षति होने पर 30 से 50 प्रतिशत तक मुआवजा देगी.

रांची : अनियमित मॉनसून, सुखाड़ की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने फसल राहत योजना लागू की है. सरकार फसल क्षति का आकलन कर किसानों को मुआवजा देगी. इसके तहत राज्य सरकार 30 से 50 प्रतिशत तक फसल की क्षति होने पर किसानों को प्रति एकड़ तीन हजार रुपये (अधिकतम 15 हजार रुपये) और 50 प्रतिशत से अधिक तक फसल की क्षति होने पर प्रति एकड़ चार हजार रुपये (अधिकतम 20 हजार रुपये) की सहायता राशि प्रदान करेगी.

यह योजना पूर्ववर्ती प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जगह सार्वजनिक धन को सुरक्षित रखने और किसानों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए लाया गया है. सहायता राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के तहत किसानों के बैंक खाते में दी जायेगी. यह जानकारी कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए दी.

उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत केवल प्राकृतिक आपदा से होने वाली फसल क्षति के मामले में किसानों को सुनिश्चित वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रावधान किया गया है. इसमें सभी रैयत एवं बटाईदार किसानों (जिनको रैयत से सहमति पत्र प्राप्त हो) को शामिल किया गया है. किसान ऑनलाइन निबंधन एवं आवेदन झारखंड फसल राहत योजना के वेब पोर्टल

jrfry.jharkhand.gov.in पर स्वयं कर सकते हैं. इसके अलावा किसान 20 हजार प्रज्ञा केंद्र पर 40 रुपये शुल्क देकर अपना निबंधन करा सकते हैं. योजना का पंजीकरण व आवेदन करने के लिए किसानों को कोई प्रीमियम नहीं देना होगा. इस योजना में राज्य में उत्पादित होनेवाले प्रमुख खरीफ फसल धान और मक्का एवं रबी फसल गेहूं, सरसों, चना और आलू को शामिल किया गया है.

राज्य में 10 प्रतिशत से कम बुआई :

श्री बादल ने बताया कि अनियमित माॅनसून की वजह से राज्य में धान की 10 प्रतिशत से भी कम बुआई हुई है. पाकुड़ में सबसे कम डेढ़ प्रतिशत ही बुआई हो पायी है.

Posted By: Sameer Oraon

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें