इम्युनिटी बढ़ाने में झारखंडी फूड मददगार, रुगड़ा व खुखड़ी सहित अन्य आहार का करें सेवन
सबके खाद्य पद्रार्थ के संपर्क में होने से संक्रमण का खतरा बढ़ता है. इस मौसम में नमी की मात्रा ज्यादा होने के कारण वात दोष असंतुलित होने लगती है, जिससे पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है. इसी मौसम में झारखंडी फूड्स रुगड़ा, खुखड़ी सहित अन्य आहार का सेवन कर आप स्वस्थ रह सकते हैं.
बरसात का मौसम धरती को हरियाली से समृद्ध बनाता है, लेकिन इंसान के लिए इस मौसम में सावधानी बरतना भी उतना ही आवश्यक है. क्योंकि, मानसून के दौरान वायरल और फंगल इंफेक्शन तेजी से फैलते हैं. इससे सबसे ज्यादा नुकसान कमजोर इम्युनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) वाले लोगों को होता है. ऐसे लोग आसानी से सर्दी-जुकाम, बुखार, खांसी, बालों का गिरना और त्वचा संबंधी रोगों की चपेट में आ जाते हैं. हालांकि, इसी मौसम में झारखंडी फूड्स रुगड़ा, खुखड़ी सहित अन्य आहार का सेवन कर आप स्वस्थ रह सकते हैं. इन्हें आप बरसात का सुपर फूड कह सकते हैं. साग-सब्जियों और पारंपरिक अनाज को अपने खान-पान में शामिल कर सकते हैं.
बरसात में खानपान का रखें ख्याल संक्रमण का बढ़ जाता है खतरा
रिम्स मेडिसिन विभाग के डॉ विद्यापति ने बताया कि बारिश में खानपान का ख्याल रखना चाहिए. इस मौसम में परिवेश में गंदगी फैल जाती है और इससे मच्छर, मक्खियां और कीड़े-मकोड़े जैसे हानिकारक जीवों की संख्या बढ़ जाती है. इन सबके खाद्य पद्रार्थ के संपर्क में होने से संक्रमण का खतरा बढ़ता है. इस मौसम में नमी की मात्रा ज्यादा होने के कारण वात दोष असंतुलित होने लगती है, जिससे पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है. इसके अलावा अम्लता की अधिकता, धूल और धुएं से युक्त हवा का असर पाचन-शक्ति पर पड़ता है. इन सब कारणों से शरीर में पित्त दोष होने लगता है, जिससे बीमारियां बढ़ती हैं.
गेहूं, जौ, चावल और मक्का खायें
ग्रीनपीस इंडिया के सीनियर एग्रीकल्चर कैंपेनर रोहित कुमार ने बताया कि बरसात के मौसम में इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करने में सुपर फूड मददगार हैं. गेहूं, जौ, चावल, मक्का (भुट्टा), सरसों, राई, खीरा, खिचड़ी, दही, मूंग और अरहर की दाल नियमित खाने से शरीर को लाभ पहुंचेगा. वहीं, इस सीजन में दूध, घी, शहद और साठी चावल खाने से इम्युनिटी मजबूत होगी. इनसे पेट के रोग से निजात मिलेगा.
रुगड़ा और खुखड़ी से बढ़ायें इम्युनिटी
बरसात के मौसम में दाने के समान मिलने वाली खुखड़ी को स्थानीय भाषा में पुटो और लंबे आकार की खुखड़ी को सोरवा खुखड़ी कहा जाता है. इसके अलावा साल के जंगलों में पुटका व रुगड़ा पाया जाता है. रुगड़ा दो प्रकार का सफेद और काला होता है. खुखड़ी या रुगड़ी का इस्तेमाल इस मौसम में इम्युनिटी बढ़ाने में किया जा सकता है.इसमें औषधीय गुणों की भरमार होती है. यह हृदय रोग, कैंसर, किडनी के रोग, डायबिटीज और खून की समस्या होने पर एक बेहतरीन औषधि मानी गयी है. यही कारण है कि इस मौसम में रुगड़ा की कीमत 600 रुपये से 1000 रुपये प्रति केजी होने के बाद भी लोग इसका जमकर सेवन करते हैं. वहीं, खुखड़ी की कीमत 400 से 500 रुपये प्रति केजी है.
कच्ची सब्जियां खाने से फिलहाल करें परहेज
गर्मी के दिनों में जहां लोगों को ज्यादा से ज्यादा सलाद खाने की सलाह दी जाती है. वहीं, विशेषज्ञ डॉक्टर बरसात में सलाद के रूप में कच्ची सब्जियों का सेवन करने से मनाही करते हैं. इसका मुख्य कारण है कि बरसात के मौसम में कच्ची सब्जी में कई तरह के किट अपना आश्रय बना लेते हैं, जो भोजन के जरिये पेट में चले जाते हैं. इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. साथ ही उल्टी और डायरिया होने की संभावना बढ़ जाती है.
किस सब्जी में क्या गुण
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कुंदरु : विटामिन ए और विटामिन सी की बहुतायत होती है.
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महुआ साग : अच्छे से साफ करके खाने से शरीर में आयरन, कैल्सियम और एंटी-ऑक्सीडेंट की मात्रा बढ़ेगी.
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कोचू साग (तारो के पत्ते) : विटामिन ए, विटामिन सी व डायटरी फाइबर से युक्त. दाल में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
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मड़ुआ : इसके सेवन से कैल्सियम, आयरन और फाइबर की पूर्ति होगी.
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भुट्टे (मकई) : इसमें प्रचुर मात्रा में डायटरी फाइबर, विटामिन और मिनरल्स होते हैं.
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कोदो : यह गलुटेन फ्री और फाइबर युक्त होता है. इसे पुलाव और उपमा की जगह खाया जा सकता है.
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चरपा : एक तरह की हरी सब्जी है. जिसे दाल, लहसुन, मसालों के साथ पका कर खाया जा सकता है.
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कद्दू : इस मौसम शरीर में विटामिन-ए बढ़ाने में मददगार होगी.
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ढुसका : हल्के नास्ते में पिट्ठा, काले चने की घुघनी के साथ ढुसका खा सकेंगे. कम मसालेदार खाने में यह हेल्दी डायट का काम करेगी.