वन भूमि की खरीद-बिक्री के आंकड़े झारखंड हाईकोर्ट से छुपाने की हो रही कोशिश, 554 सेल डीड की ही दी गयी जानकारी
वन भूमि की खरीद बिक्री मामले में सीबीआइ जांच की मांग को लेकर दायर याचिका की सुनवाई की. हाइकोर्ट ने सचिव को याचिका में लगी सूची की जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था
वन भूमि की खरीद-बिक्री से संबंधित आंकड़ों को हाइकोर्ट से छिपाने की कोशिश की जा रही है. सुनवाई के दौरान वन विभाग की ओर से हजारीबाग जिले में सिर्फ 554 सेल डीड के सहारे ही वन भूमि की खरीद-बिक्री की जानकारी कोर्ट को दी गयी है. हालांकि, हजारीबाग के तत्कालीन उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने अपने कार्यकाल के दौरान 2003 सेल डीड के सहारे 500 एकड़ से अधिक वन भूमि की खरीद-बिक्री से संबंधित ब्योरा जारी किया था. उन्होंने प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई भी शुरू की थी, लेकिन उनके तबादले के बाद इस मामले पर पर्दा डाल दिया गया.
वन भूमि की खरीद बिक्री मामले में सीबीआइ जांच की मांग को लेकर दायर याचिका की सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट ने वन विभाग के सचिव को याचिका में लगी सूची की जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था. न्यायालय ने 29 मार्च 2023 को दिये गये इस आदेश में इसके लिए विभाग को पांच सप्ताह का समय दिया था. वन विभाग ने कोर्ट के निर्देश के आलोक में मामले की जांच कर कोर्ट को अपनी रिपोर्ट दे दी है.
वन विभाग की ओर से हाइकोर्ट में पेश की गयी रिपोर्ट में कहा गया कि हजारीबाग के निबंधन कार्यालय से इस सिलसिले में जानकारी मांगी गयी थी. निबंधन कार्यालय ने विभाग को डीवीडी में 1153 सेल डीड की सूची दी गयी है. इसमें से 1121 सेल डीड हजारीबाग पश्चिमी वन प्रमंडल और 32 सेल डीड पूर्वी वन प्रमंडल से संबंधित है.
निबंधन कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराये गये कुल 1153 सेल डीड में से 773 सेल डीड में जमीन का नक्शा नहीं है. बगैर नक्शावाले 773 सेल डीड में से 760 हजारीबाग पश्चिमी वन प्रमंडल और 13 सेल डीड पूर्वी वन प्रमंडल से संबंधित है. इन 773 सेल डीड में से सिर्फ 554 सेल डीड में दर्ज प्लॉट, अधिसूचित वन भूमि है. 219 सेल डीड में दर्ज प्लॉट अधिसूचित वन भूमि नहीं है. वन विभाग की ओर से कोर्ट में पेश रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सेल डीड में नक्शा नहीं होने की वजह से यह बताना संभव नहीं है कि अधिसूचित प्लॉट में बिक्री वाला हिस्सा सीमांकित वन भूमि है या नहीं.
यह है मामला :
हजारीबाग के तत्कालीन उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने अपने कार्यकाल के दौरान वन भूमि की खरीद-बिक्री के मामले की जांच की थी. उन्होंने निबंधन कार्यालय से इसका आंकड़ा मांगा था. उपायुक्त की मांग पर निबंधन कार्यालय ने उन्हें वन भूमि की खरीद बिक्री से 2003 सेल डीड का ब्योरा उपलब्ध कराया था. इसमें जमीन बेचने और खरीदनेवालों का नाम सहित अन्य ब्योरा उपलब्ध था.
उपायुक्त ने इस सूची के आधार पर कार्रवाई करने आदेश दिया. साथ ही इस सूची को निबंधन कार्यालय के वेबसाइट पर अपलोड कर दिया. वन भूमि खरीदनेवालों मे जिले के प्रभावशाली और बड़े लोगों का नाम शामिल था. राज्य में वन भूमि की खरीद बिक्री के मामले में सीबीआइ जांच की मांग को लेकर हाइकोर्ट में एक याचिका की सुनवाई हो रही है.
वन विभाग की ओर से कोर्ट में पेश ब्योरा
वन प्रमंडल अंचल सेल डीड
पश्चिमी कटकमदाग 450
पश्चिमी कटकमसांडी 262
पश्चिमी बड़कागांव 114
पश्चिमी चौपारण 43
पश्चिमी इचाक 63
पश्चिमी केरेडारी 53
पश्चिमी सदर 90
पश्चिमी दारू 14
पश्चिमी टाटीझरिया 27
पश्चिमी बरही 04
पूर्वी विष्णुगढ़ 20
पूर्वी टाटीझरिया 01
पूर्वी चुरचू 02
पूर्वी दारू 01
पूर्वी सदर 08