Jharkhand Foundation Day: 15 नवंबर, 2022 झारखंड 22 साल का हो जाएगा. बिहार से अलग होकर बने झारखंड का अपना भी इतिहास है. हालांकि, आजादी से पहले ही झारखंड राज्य के निर्माण की मांग उठी थी. 1930 में गठित आदिवासी महासभा ने अलग झारखंड का सपना देखा था. अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी जयपाल सिंह मुंडा की अगुवाई में आदिवासी महासभा ने अलग राज्य का सपना देखा. 70 साल बाद उनका यह सपना साकार हुआ और भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन के मौके पर झारखंड देश का 28वां राज्य बना. 15 नवंबर, 2022 के बाद यह राज्य निरंतर प्रगति पथ पर अग्रसर है.
छोटानागपुर के पठार पर अवस्थित है राज्य
इस राज्य (झारखंड) के छोटानागपुर के पठार पर अवस्थित होने के कारण इसे छोटानागपुर प्रदेश भी कहा जाता है. प्राकृतिक दृष्टि से यह राज्य दो भाग छोटानागपुर और संताल परगना में बंटा है. यह राज्य आदिवासी बहुल है. यह मूलत: एक वन प्रदेश है. वहीं, प्रचुर मात्रा में खनिज भंडार भी है. इस कारण इस प्रदेश को खनिजों का प्रदेश भी कहते हैं. यहां काफी मात्रा में घने जंगल और वनस्पतियां पायी जाती है. यह मध्य भारत के विशाल पठार का पूर्वी भाग है.
कैसे पड़ा झारखंड नाम
इसमें झार का मतलब झाड़ या जंगल और खंड का मतलब टुकड़ा होता है. इस तरह से यह खंड टुकड़ों से मिलकर बना है. यानी भूमि का ऐसा टुकड़ा जहां झाड़ या जंगल भरपूर मात्रा में उपलब्ध है. मुगल काल में इसे ‘कुकरा’ भी कहा जाता था. वहीं, मध्यकाल (चेरो और नागवंशी राजवंश) से इस क्षेत्र को झारखंड के नाम से जाना जाता है. 16वीं शताब्दी में भी झारखंड शब्द का प्रयोग हुआ है.
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3.29 करोड़ है यहां की जनसंख्या
2011 के जनगणना के अनुसार, झारखंड राज्य की आबादी करीब 3,29,88,134 है. यहां का लिंगानुपात 949 स्त्री प्रति 1000 पुरुष है. वहीं, जनसंख्या का घनत्व करीब 414 प्रतिवर्ग किलोमीटर है.