Jharkhand Sthapna Diwas: नल जल योजना में राष्ट्रीय औसत से 25% पीछे है झारखंड की प्रगति

राज्य सरकार 61.72 लाख घरों में से 28 लाख घरों तक पाइपलाइन से पानी पहुंचा पायी है. इधर झारखंड में प्राकृतिक रूप से पेयजल की उपलब्धता सतही स्रोत के रूप में ज्यादा नहीं है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 15, 2023 10:54 AM
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सतीश कुमार, रांची :

राज्य गठन के 23 वर्ष बाद भी लोगों की प्यास बुझाने में पूरी तरह सफलता नहीं मिल पायी है. राष्ट्रीय स्तर पर प्यास बुझाने में सफलता नहीं मिली है. राष्ट्रीय स्तर पर शहरी क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति 135 लीटर व ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति 40 लीटर पानी की आवश्यकता का आकलन किया गया है. राज्य बनने के बाद सभी घरों में शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए हजारों योजनाएं शुरू की गयीं, लेकिन अब तक लगभग 45 प्रतिशत घरों तक ही शुद्ध पेयजल पहुंचाने में सफलता मिल पायी है. अब भी राज्य की 55 प्रतिशत आबादी पानी के लिए चापाकल, कुआं, नदी-नालों व अन्य प्राकृतिक स्रोतों पर निर्भर है.

राज्य सरकार 61.72 लाख घरों में से 28 लाख घरों तक पाइपलाइन से पानी पहुंचा पायी है. इधर झारखंड में प्राकृतिक रूप से पेयजल की उपलब्धता सतही स्रोत के रूप में ज्यादा नहीं है. राज्य में मात्र छह से सात नदियों में ही 12 माह पानी उपलब्ध रहता है. शेष नदियां बरसाती हैं. भूगर्भीय संरचना पथरीली होने के कारण इसमें पानी की उपलब्धता मैदानी क्षेत्रों के मुकाबले काफी कम होती है. ऐसे में राज्य में उपलब्ध संसाधनों से बचे हुए 33 लाख घरों तक नल से जल पहुंचाने का काम चुनौतीपूर्ण है. जल शक्ति मंत्रालय की ओर से जारी जल जीवन मिशन (हर घर जल) के अनुसार वर्ष 2024 तक राज्य के सभी घरों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाना है.

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