Jharkhand Foundation Day: मोरहाबादी में तैयारियां ले रही अंतिम रूप, कोकर समाधि स्थल को सजाया जा रहा
झारखंड स्थापना दिवस को लेकर चल रही तैयारियां अब अपने अंतिम चरण पर हैं. मोरहाबादी मैदान में मुख्य कार्यक्रम होना है. जिसकी तैयारियां भी अंतिम चरण में हैं. वहीं कोकर स्थित भगवान बिरसा के समाधी स्थल को सजाया जा रहा है.
Jharkhand Foundation Day: झारखंड स्थापना दिवस को लेकर चल रही तैयारियां अब अपने अंतिम चरण पर हैं. मोरहाबादी मैदान में मुख्य कार्यक्रम होना है. जिसकी तैयारियां भी अंतिम चरण में हैं. मुख्यमंच को आकर्षक ढंग से सजाया जा रहा है. फूलों की सजावट के साथ छऊ नृत्य की विभिन्न भंगिमाओं से मंच को गढ़ा रहा है. इसके अतिरिक्त पूरे कार्यक्रम स्थल की बैरिकैडिंग की गयी है. वहीं बैरिकैडिंग में राज्य सरकार की तमाम योजनाओं की जानकारी दी जा रही है. योजनाओं से संबंधित पोस्टर लगाए गए हैं. वहीं कोकर स्थित भगवान बिरसा के समाधी स्थल को सजाया जा रहा है.
पांच हजार से अधिक के बैठने की व्यवस्था
पूरे कार्यक्रम स्थल को कई हिस्सों में बांट कर लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है. जिस तरह की व्यवस्था की गई है, उसके मुताबिक पूरे पंडाल में लगभग 5000 लोग बैठेंगे. वहीं कार्यक्रम स्थल के प्रवेश द्वार को आकर्षक ढंग से बनाया जा रहा है. इस प्रवेश द्वार को बांस कमच्चियों से बनाया गया है. यहीं पर लगभग 12 मैटल डिटेक्टर प्रवेश द्वार भी लगाए हैं. पूरे आयोजन स्थल में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. मुख्य मंच के ठीक सामने, इसके अतिरिक्त दाएं और बाएं हिस्से में लगभग 6 स्क्रीन लगाए गए है. जहां से कार्यक्रम का सीधा देखा जा सकेगा.
सुरक्ष्रा के हैं तमाम इंतजाम
मोरहाबादी मैदान को पूरी तरह से सुरक्षित किया गया है. उन तमाम रास्तों पर बैरिकैडिंग लगाई गई हैं, जहां से मोरहाबादी में प्रवेश किया जा सकता है. इसके साथ पुलिस बल की तैनाती की जा चुकी है. पूरे मैदान में पुलिस के जवान सुरक्षा का जायजा लेते हुए अनावश्यक प्रवेश पर रोक लगा रहे हैं.
राष्ट्रपति कल जायेंगी उलिहातू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पूर्वनिर्धारित दो दिवसीय झारखंड दौरे के कार्यक्रम में बदलाव हो गया है. अब राष्ट्रपति कल रांची आयेंगीं और रांची एयरपोर्ट से सीधे खूंटी के उलिहातू चली जायेंगी. राष्ट्रपति का रांची और देवघर का कार्यक्रम रद्द हो गया है. उल्लेखनीय है कि पहले राष्ट्रपति का रांची आगमन 14 नवंबर की दोपहर 3:00 बजे होना था. इससे पहले उन्हें देवघर जाना था, जहां बाबा मंदिर में उनका पूजा-अर्चना का कार्यक्रम प्रस्तावित था.