झारखंड को भुगतान के बावजूद 200 मेगावाट कम मिली बिजली, आपत्ति के बाद हुई बहाल
झारखंड द्वारा बकाया भुगतान किए जाने के बावजूद दो घंटे तक लगभग 200 मेगावाट बिजली की कमी से जूझना पड़ा. केंद्रीय एनर्जी एक्सचेंज ने बकाया भुगतान का नोटिस भेजा था. पैसे का भुगतान करने के बाद भी कम बिजली मिली.
Jharkhand News: झारखंड द्वारा बकाया भुगतान किए जाने के बावजूद दो घंटे तक लगभग 200 मेगावाट बिजली की कमी से जूझना पड़ा. केंद्रीय एनर्जी एक्सचेंज ने गुरुवार रात को झारखंड समेत कई राज्यों को बकाया भुगतान का नोटिस भेजा था. झारखंड को करीब 214 करोड़ बकाया का नोटिस भेजा गया. जेबीवीएनएल ने पड़ताल की तो मालूम हुआ कि इसमें करीब 180 करोड़ का बकाया डीवीसी से संबंधित है और लगभग 50 करोड़ पीवीसीएल का है. जबकि जेबीवीएनएल ने दोनों भुगतान किया हुआ है. केवल छह करोड़ का बकाया मिला.
बारिश के बीच चलती रही बिजली की आंखमिचौली
बारिश की वजह से शुक्रवार को राजधानी के कई इलाकों में बिजली की आंखमिचौनी चलती रही. डेली पावर रिपोर्ट में सुबह से शाम तक एक पावर सबस्टेशन में औसतन छह बार से अधिक की पावर ट्रिपिंग दर्ज की गयी. कई जगहों पर इंसुलेटर पंक्चर हो गया, जबकि कई जगहों पर फॉल्ट से बिजली ठप रही. फॉल्ट की सूचना मिलते ही कर्मचारियों को पेट्रोलिंग पर लगा दिया. इसके बावजूद ज्यादातर जगहों पर देर तक आपूर्ति बाधित रही.
परेशान रहे लोग
जानकारी के अनुसार, शहर के बाहरी इलाके फुटकल टोली में 33 केवी लाइन से जुड़ा पोल गिर गया. इससे रातू सबस्टेशन से शाम 5:15 बजे के बाद से पूरे इलाके की बिजली गुल हो गयी. वहीं, 33 केवी ब्रांबे पीएसएस से जुड़े हाइवोल्टेज तारों के पर बड़ा पेड़ गिरने से 4:45 बजे के बाद से बड़े इलाकों में बिजली बाधित हो गयी. रात नौ बजे तक बिजली रिस्टोर करने का प्रयास किया जा रहा था. राजधानी के जिला न्यायालय की ओर जानेवाले रास्ते पर भी बिजली का तार टूट कर सड़क पर गिर गया. उपभोक्ताओं की शिकायत के बाद एहतियातन लाइन बंद कर दी गयी. जबकि सेक्टर-3, पुरुलिया रोड, सिंह मोड़, रातू रोड, लालपुर सहित कई ट्रांसफॉर्मरों के फ्यूज उड़ने से भी बिजली थोड़े-थोड़े अंतराल पर बंद की गयी.