वायु प्रदूषण रोकने के लिए झारखड सरकार अपनाएगी गोरखपुर मॉडल, जानें क्या है इसके लिए पूरा रोडमैप
क्लीन एयर प्रोग्राम में झारखंड के तीन शहर धनबाद, रांची व जमशेदपुर शामिल. वित्त आयोग ने केंद्र सरकार से झारखंड को करीब 318 करोड़ रुपये देने की अनुशंसा की
Dhanbad News, pollution in jharkhand धनबाद : झारखंड के बड़े शहरों में वायु प्रदूषण रोकने और हवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए राज्य सरकार गोरखपुर मॉडल अपना सकती है. झारखंड राज्य शहरी अभिकरण इसके लिए गोरखपुर शहर के लिए बने माइक्रो प्लान का अध्ययन कर रहा है. इसे राज्य के तीन शहरों धनबाद, रांची और जमशेदपुर में लागू किया जायेगा. तीनों शहरों की हवा गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए पूर्व में तैयार किये गये माइक्रो एक्शन प्लान को रिवाइज किया जायेगा.
अभिकरण के निदेशक अमित कुमार ने इससे संबंधित निर्देश दिया है. याद रहे कि भारत सरकार के नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम में धनबाद, रांची और जमशेदपुर को शामिल किया गया है. तीनों शहरों में साल 2025 तक वायु प्रदूषण 30 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य रखा गया है. प्रोग्राम के तहत हवा की गुणवत्ता के राष्ट्रीय मानकों पर खरा नहीं उतरने वाले शहरों में सुधार के लिए साल 2017 की स्थिति के आधार पर साल 2024-25 तक वातावरण में धूल कणों (पर्टिकुलेट मैटर) की मात्रा को 20-30 प्रतिशत तक कम करने की योजना है.
10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों पर फोकस :
योजना के तहत राज्य के 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरी निकायों में वायु प्रदूषण रोकने के लिए शहरी क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन, साइकिल जोन, रिमोट सेंसिंग आधारित पीयूसी सिस्टम, चौराहों पर फव्वारे, खुले स्थानों पर घास और ग्रीन कवर बढ़ाने जैसे उपाय किये जाने हैं. सड़कों पर पानी छिड़काव के लिए स्प्रिंकलर व सड़कों की सफाई के लिए मशीनों का इस्तेमाल किया जायेगा. इसके अलावा पौधारोपण भी किया जायेगा. इन कार्यों के लिए वित्त आयोग ने भारत सरकार से राज्य को करीब 318 करोड़ रुपये देने की अनुशंसा की है.
इसलिए अपनाया जायेगा गोरखपुर मॉडल :
गोरखपुर में वायु गुणवत्ता के सुधार के लिए किये गये कार्यों के बेहतर परिणाम सामने आये हैं. गोरखपुर में नगर निगम, वन विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए हाइवे निर्माण, सड़क चौड़ीकरण, पार्किंग इंफ्रास्ट्रक्चर, एंड-टू-एंड पेविंग ऑफ रोड, हाॅट स्पाॅट प्रबंधन जैसी ढांचागत परियोजनाओं को कुशल व रणनीतिक तरीके से लागू किया है. इससे गोरखपुर में एयर क्वालिटी इंडेक्स की श्रेणी में काफी परिवर्तन आया है. हवा में प्रदूषण स्तर पहले की तुलना में तकरीबन 30 प्रतिशत बेहतर हुआ है.
Posted By : Sameer Oraon