Loading election data...

देवघर एसपी को हटाने पर झारखंड सरकार और चुनाव आयोग आमने-सामने, सरकार ने पूछा कारण

Jharkhand Elections : देवघर के एसपी अजीत पीटर डुंग डुंग को हटाने को लेकर अब राज्य सरकार और चुनाव आयोग आमने-सामने आ गए हैं. राज्य सरकार ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर देवघर एसपी को हटाने का कारण पूछा है. वहीं चुनाव आयोग ने राज्य सरकार ने अधिकारियों के पैनल की मांग की है.

By Kunal Kishore | November 4, 2024 8:13 AM
an image

Jharkhand Elections: राज्य सरकार ने चुनाव आयोग से देवघर एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग को पद से विमुक्त करने का कारण पूछा है. गृह विभाग द्वारा चुनाव आयोग को पत्र लिख कर कहा है कि पदाधिकारियों के कार्य व मनोबल पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े, इसके लिए जरूरी है कि डुंगडुंग को देवघर एसपी से हटाने के कारणों व परिस्थितियों की जानकारी राज्य सरकार को होनी चाहिए. इधर, चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को रिमाइंडर भेज कर पूर्व में दिये गये निर्देश के अनुसार देवघर एसपी के पद पर नियुक्ति के लिए अधिकारियों का पैनल उपलब्ध कराने के लिए कहा है.

चुनाव आयोग ने देवघर एसपी को हटाया, राज्य सरकार ने अबतक नहीं मानी बात

मालूम हो कि 29 अक्तूबर को ही चुनाव आयोग ने अजीत पीटर डुंगडुंग को देवघर एसपी के पद से हटाने का आदेश दिया था. लेकिन राज्य सरकार ने अब तक चुनाव आयोग के आदेश का अनुपालन नहीं किया है. आदेश के तीन दिन बाद भी गृह विभाग ने अधिकारियों का पैनल चुनाव आयोग को नहीं भेजा. उधर, डुंगडुंग भी देवघर एसपी के पद पर बने हुए हैं. इसी के मद्देनजर आयोग ने राज्य सरकार को रिमाइंडर भेजा है.

झारखंड विधानसभा चुनाव की ताजा खबरें यहां पढ़ें

चुनाव आयोग ने पैनल की लिस्ट भेजने को कहा

गृह विभाग द्वारा भेजे गये पत्र में कहा गया है कि चुनाव आयोग के निर्देशानुसार डुंगडुंग को देवघर एसपी के प्रभार से मुक्त करने, जिला के अन्य वरीयतम पुलिस अधिकारी को प्रभार सौंपने व चुनाव आयोग के पास तीन अधिकारियों का पैनल भेजने से संबंधित प्रस्ताव मुख्यमंत्री सचिवालय को भेजी गयी थी. मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा डुंगडुंग को पद से हटाने की पृष्ठभूमि की जानकारी चुनाव आयोग से प्राप्त करने का निदेश दिया गया है. चुनाव आयोग के डुंगडुंग को तत्काल प्रभाव से पद से हटाने के निर्देश में कारण का उल्लेख नहीं किया गया है. इससे यह स्पष्ट नहीं होता है कि उनके देवघर एसपी बने रहने से चुनाव की निष्पक्षता कैसे प्रभावित होगी. चुनाव आयोग की अवहेलना या किसी प्रतिकूल कार्य में लिप्त रहने का कोई दृष्टांत उल्लेखित नहीं है.

बिना कारण बताए एसपी को हटाने को लेकर सरकार ने पूछा सवाल

पत्र में गृह विभाग ने कहा है कि आयोग द्वारा किसी जिले में पदस्थापन या स्थानांतरण के संबंध में दिये गये निर्देशों की परिधि में भी डुंगडुंग नहीं आते हैं. आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने के 15 दिनों के बाद जब डुंगडुंग बेहतर एवं प्रभावी कार्य कर रहे थे, तब अचानक बिना कोई कारण बताये स्थानांतरण आदेश निर्गत करने की स्थिति में सभी प्रत्याशियों व राजनीतिक दलों के मन में शंका उत्पन्न हो सकती है. ऐसे में निष्पक्षता बरकरार रखने के लिए डुंगडुंग को पद से हटाने का कारण बताया जाना आवश्यक है.

Also Read: Jharkhand Chunav 2024: झारखंड चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए हेमंत सोरेन के बरहेट से प्रस्तावक मंडल मुर्मू

Exit mobile version