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झारखंड के 6.63 लाख किसानों का इस साल 2 लाख तक का कर्ज होगा माफ, वित्त मंत्री ने दिया बैंक अधिकारियों को ये निर्देश

कृषि मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि झारखंड कृषि ऋण माफी योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक करीब 4.73 लाख किसानों का 1,900.35 करोड़ रुपये का ऋण माफ किया गया.

रांची : बैंक राज्य में कृषि क्षेत्र को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल करें, सरकार जनता के कल्याणकारी योजनाओं को उन तक पहुंचाने के लिए कृतसंकल्पित है. उक्त बातें वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कही. मंत्री डॉ उरांव प्रोजेक्ट भवन सभागार में राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की त्रैमासिक बैठक में बोल रहे थे. 88वीं त्रैमासिक बैठक में ऋण योजनाओं की समीक्षा की गयी और बैंक अधिकारियों को सरकार की योजनाओं के लिए तैयार रहने को कहा गया. बताया गया कि इस बार 6.63 लाख किसानों का अधिकतम दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ हो सकेगा. पहली योजना वाले 4.73 लाख और इस योजना के दौरान नये जोड़े गये 1.9 लाख किसान इसके पात्र होंगे. नये किसानों के केवाइसी की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. 2024-25 के दौरान अब किसानों का ऋण 50 हजार से दो लाख तक माफ किया जाना है.

2023-24 तक कितने किसानों का किया गया ऋण माफ

कृषि मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि झारखंड कृषि ऋण माफी योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक करीब 4.73 लाख किसानों का 1,900.35 करोड़ रुपये का ऋण माफ किया गया है. यह नया प्रस्ताव बजट में शामिल है, जिसका मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र को मजबूती देना है. विशिष्ट अतिथि बैंक ऑफ इंडिया के कार्यपालक निदेशक ने एनपीए कम करने और कम डिपॉजिट को लेकर चिंता जतायी. बैठक में बैंकों के क्षेत्रीय प्रमुख, वित्त, ग्रामीण और कृषि विभाग के सचिव, एसएलबीसी, नाबार्ड, आरबीआइ सहित विभिन्न बैंकों के जीएम, डीजीएम, एजीएम, एलडीएम, विभिन्न सरकारी विभागों के प्रतिनिधि आदि मौजूद थे.

राज्य में ऋण-जमा अनुपात में मामूली सुधार, यह जिला अभी भी पीछे

राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति जून 2024 की त्रैमासिक बैठक में पिछले तिमाही में बैंकों ने कई लक्ष्य को पूरा किया है. तीन महीने के आंकड़ों की पड़ताल के बाद यह बात सामने आयी कि बैंकों ने ऋण जमा अनुपात (सीडी रेशियो) के 60 प्रतिशत के बेंचमार्क के मुकाबले मामूली सुधार देखा गया. इस बार यह 49.59 % को बरकरार रखा है. साल दर साल इसमें 9.96% का इजाफा हुआ है. हालांकि पूर्वी सिंहभूम जिला 12.24 % के साथ अब भी सबसे नीचे है. एसएलबीसी के महाप्रबंधक मनोज कुमार ने त्रैमासिक समीक्षा से जुड़े आंकड़ों को पेश किया. पिछली बैठक 2.76% की तिमाही देखी गयी है. हालांकि, यह अभी राष्ट्रीय आंकड़ों से 86.59% से काफी नीचे है. बैंकों के पास डिपॉजिट काफी कम हो गया है. इसे बढ़ाने की वार्षिक योजना का लक्ष्य तय किया गया है. 1.20 लाख करोड़ का एसीपी लक्ष्य रखा है. इसमें करीब 36% हासिल कर लिया गया है.

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