Jharkhand News: हेमंत सोरेन की सरकार सरकारी कर्मचारियों के भविष्य को लेकर बड़ी तैयारी कर रही है. राज्य सरकार ने कहा है कि राज्य के कर्मियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ मिलेगा. बीते दिनों मोरहाबादी फुटबॉल स्टेडियम में आयोजित पेंशन जयघोष महासम्मेल को संबोधित करते हुए उन्होंने साफ तौर पर कहा कि राज्य सरकार सामाजिक सुरक्षा को लेकर गंभीर है. यहां के कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि मैं इसे लेकर आश्वस्त हूं.
उन्होंने कार्यक्रम में स्पष्ट तौर पर कहा मेरी कोशिश है कि मैं 15 अगस्त तक पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दूं, और इसे लेकर आश्वस्त हूं कि मैं इसे बहाल कर दूंगा. क्योंकि मेरा प्रयास इमानदार है. उन्होंने कहा कि अगली बार मैं जब भी आऊं, तो इसके कागजात के साथ आऊंगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस बयान से राज्य के कर्मचारियों को उम्मीद है कि 45 दिनों के भीतर राज्य सरकार उनके लिए कदम उठाएगी. बताते चलें कि राज्य भर के सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की मांग को लेकर काफी समय से आंदोलन कर रहे हैं. विभिन्न विभागों के कर्मचारी एनएमपीओएस के बैनर तले आंदोलनरत हैं.
बताते चलें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने के बाद लगभग सवा लाख कर्मचारियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा. संभावित आंकड़े की मानें तो राज्य में 1 लाख 95 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं. इसमें से 1 लाख 35 हजार कर्मचारी ऐसे हैं, जो नई पेंशन स्कीम के दायरे में आते हैं. राज्य सरकार अगर ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करती है, तो 1 लाख 35 हजार कर्मचारी इस दायरे में आयेंगे. बताते चलें कि झारखंड में साल 2004 से नई पेंशन स्कीम को लागू किया गया है.
प्रयागराज एजी ब्रदर्सहूड समूह के पूर्व अध्यक्ष हरिशंकर तिवार ने बताया कि ओल्ड पेंशन स्कीम में कर्मचारी को उसके मूल वेतन का 50 फीसदी हिस्सा पेंशन के रूप में दिया जाता है. इसमें कर्मचारियों का महंगाई भत्ता शामिल होता है. साथ ही डीए भी शामिल होता है. आम कर्मचारियों की तरह की पेंशनधारियों को भी हर छह माह में डीए में होने वाले बदलाव का लाभ मिलता है. इसके साथ ही पेंशन कमीशन के लागू होने पर पेंशन रिवाइज्ड होने का लाभ मिलता है. पेंशनधारी के 80 वर्ष उम्र होने पर मूल पेंशन का 20 फीसदी बढ़ोत्तरी होता है. जो 85 साल होने पर 30 फीसदी, 90 साल होने पर 40 फीसदी, 95 साल होने पर 50 फीसदी और 100 साल होने पर 100 फीसदी बढ़ता है. स्पष्ट शब्दों में कहें तो पेंशनधारक की उम्र 100 होने पर पेंशन दोगुना हो जाता है.
नई पेंशन स्कीम में कर्मचारी के मूल वेतन और उसमें डीए मिलाकर जो वेतन बनता है, उससे 10 फीसदी हिस्सा काटा जाता है. यहां राज्य सरकार 14 फीसदी राशि अपनी ओर से मिलाती है. यहां सरकार यह करती है कि कर्मचारियों के पैसे को कहीं निवेश करती है. कर्मचारी अपने रिटायरमेंट के समय इस जमा राशि से 60 फीसदी हिस्सा तक निकाल सकता है. इसके बाद जो शेष 40 राशि बचती है, उसमें जो ब्याज हर माह आता है उसे पेंशन के रूप में देती है. इसे अंशदाी पेंशन कहा जाता है.