केंद्र से मिलने वाली राशि को अपनी मर्जी से खर्च नहीं कर सकेगी झारखंड सरकार, मिला निर्देश

वित्त मंत्रालय, भारत सरकार की आपत्ति के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस पत्र के जरिये झारखंड सरकार को सूचना दे दी है. नयी व्यवस्था के लागू होने के बाद राज्य सरकार वेतन भुगतान या प्रोत्साहन मद में राशि का उपयोग नहीं कर सकेगी.

By Prabhat Khabar News Desk | January 23, 2023 7:13 AM

Jharkhand News: केंद्रीय अनुदान के तहत मिलनेवाली राशि को झारखंड सरकार अब अपने मनमाफिक खर्च नहीं कर पायेगी. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने झारखंड सरकार को पत्र लिखकर उक्त आशय का निर्देश दिया है. राज्य के मुख्य सचिव को संबोधित इस पत्र के जरिये आगाह किया गया है कि वह केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी अनुदान राशि का उपयोग किसी भी हाल में अपने कर्मचारियों के वेतन, मानदेय, प्रोत्साहन या पारिश्रमिक भुगतान के लिए नहीं करे.

वित्त मंत्रालय, भारत सरकार की आपत्ति के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस पत्र के जरिये झारखंड सरकार को सूचना दे दी है. नयी व्यवस्था के लागू होने के बाद वित्तीय वर्ष 2023-24 से राज्य सरकार वेतन भुगतान या प्रोत्साहन मद में अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) फंड में मिली राशि का उपयोग नहीं कर सकेगी.

अनुबंधकर्मियों के वेतन और मानदेय के मामले में होना होगा आत्मनिर्भर :

केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से मिलनेवाले अनुदान को लेकर नया नियम लागू होने के बाद राज्य सरकार को विभिन्न विभागों में अनुबंध और संविदा पर कार्यरत कर्मियों के वेतन/मानदेय भुगतान के मामले में आत्मनिर्भर होना होगा. नयी व्यवस्था के बाद राज्य सरकार के पास वित्तीय अधिकार और संसाधन कम रह जायेंगे.

ऐसे में कर्मियों के वेतन और सरकारी स्कीमों में प्रोत्साहन राशि के लिए काफी हद तक एनएचएम के सीमित अनुदान या खुद के संसाधनों से नये फंड डेवलप करने होंगे. सरकार के कुछ कर्मचारियों का वेतन पुनरीक्षण के बाद राज्य बजट से ट्रेजरी के माध्यम से भुगतान किया जाता है. वित्त और विधि विभाग द्वारा जारी संकल्प में भी इसका जिक्र है. वहीं, संविदा पर कार्यरत कर्मियों के मानदेय से संबंधित आदेश, संकल्प, परिपत्र वित्त विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किया जाता है.

नये नियम के लागू होने के बाद अनुबंध और संविदा कर्मियों को सेवा शर्त एवं नियोजन की प्रक्रिया के तहत समय से वेतन या मानदेय भुगतान में देरी हो सकती है. इपीएफ, सामान्य ग्रुप बीमा तथा भविष्य की सुरक्षा से संबंधित अन्य सुविधाएं देने में आगे सैद्धांतिक कठिनाई होगी.

आधारभूत संरचना विकसित करने के लिए मिलेगा ज्यादा आवंटन

भारत सरकार का मानना है कि प्रभावित आदिवासी क्षेत्रों और आदिवासी समुदायों के स्वास्थ्य के लिए सीएचसी-पीएचसी स्तर पर आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिए अब ज्यादा राशि उपलब्ध हो सकेगी. आवंटित पैसे का इस्तेमाल आदिवासियों (अनुसूचित जनजाति) के समग्र विकास के लिए करना है. इस पैसे से ऐसी योजनाएं बनायी जानी चाहिए, जिनसे आदिवासी समुदाय को सीधे तौर पर फायदा हो.

केंद्र सरकार के स्तर से मंजूरी लिए बिना खर्च नहीं करनी है राशि

केंद्र द्वारा जारी इस पत्र में दो वित्तीय वर्षों (2021-22 और 2022-23) का जिक्र किया गया है. यह भी कहा गया है कि अगर केंद्र सरकार द्वारा दी गयी सहायता राशि में से राज्य सरकार को विकास मद में कोई बड़ी राशि खर्च करनी है, तो उसे हर हाल में राष्ट्रीय स्तर की समिति से अनुमोदन प्राप्त करना होगा. राज्य सरकार को कहा गया है कि वह तब तक राशि का उपयोग न करे, जब तक उसे केंद्र के स्तर से ग्रांट नहीं किया गया है.

Next Article

Exit mobile version