होटवार जेल से सरकारी अफसरों को धमकी मामले की होगी जांच, झारखंड सरकार ने उठाया बड़ा कदम

उल्लेखनीय है कि जांच आयोग अधिनियम, 1952 की धारा तीन के तहत सार्वजनिक महत्व के किसी मामले की जांच कराने की शक्ति राज्य सरकार को प्राप्त है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 27, 2023 3:47 AM

रांची : बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, रांची में बंद कैदियों द्वारा नक्सलियों से सांठगांठ कर सरकारी अधिकारी को डराने-धमकाने और अन्य तरीकों से भयभीत करने के मामले की जांच की जायेगी. इसके लिए राज्य सरकार ने दुमका के सेवानिवृत्त प्रधान जिला न्यायाधीश बीरेंद्र नाथ पांडेय के नेतृत्व में एक सदस्यीय जांच आयोग बनाया है. इस संबंध में गृह विभाग ने आदेश जारी किया है. आयोग को जेल में बंद अन्य कैदियों के साथ मारपीट करने, पूर्व में जेल में बंद कैदी को रिहाई के उपरांत धमकाने एवं जेल में राज्य सरकार के अधिकारियों को प्रभावित करने के आरोपों की भी जांच करने को कहा गया है. जांच आयोग को अधिकतम दो माह में जांच प्रतिवेदन देने को कहा गया है. इसके बदले न्यायाधीश को प्रति माह एक लाख रुपये मानदेय के तौर पर दिया जायेगा. वहीं न्यायाधीश को सहायक आदि की सुविधा कारा निरीक्षणालय द्वारा उपलब्ध करायी जायेगी. वहीं मामले से जुड़े पदाधिकारियों को भी गृह विभाग ने निर्देश दिया है कि वे जांच में आयोग को सहयोग प्रदान करेंगे.

उल्लेखनीय है कि जांच आयोग अधिनियम, 1952 की धारा तीन के तहत सार्वजनिक महत्व के किसी मामले की जांच कराने की शक्ति राज्य सरकार को प्राप्त है. इसके तहत राज्य के काराओं में राज्य सरकार के अधिकारियों को प्रभावित करने के आरोप के साथ-साथ विभिन्न समाचार पत्रों में उल्लेखित शिकायतों की न्यायिक जांच करने के उद्देश्य से सेवानिवृत्त प्रधान जिला न्यायाधीश बीरेंद्र नाथ पांडेय को एक सदस्यीय जांच आयोग के तौर पर नामित किया गया है.

Also Read: झारखंड: रांची की होटवार जेल के अधीक्षक, जेलर व बड़ा बाबू को ईडी का समन, पूछताछ के लिए बुलाया
ईडी से जुड़ी खबर पर जांच टीम ने जेल की खामियों को किया था उजागर

आदेश में कहा गया है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के संबंध में समाचार पत्रों में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, रांची से संबंधित खबर प्रकाशित हुई थी. इसको लेकर उपायुक्त रांची द्वारा गठित जांच दल ने 21 नवंबर 2023 को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, रांची का औचक निरीक्षण किया था. जांच दल द्वारा दिये गये जांच प्रतिवेदन में बिरसा मुंडा कारा में जेल मैनुअल का पूर्णत: अनुपालन व सुरक्षा के मामलों में जेल कर्मियों की लापरवाही भी प्रतिवेदित की गयी थी. वहीं उपायुक्त रांची के जांच प्रतिवेदन में भी यह उल्लेख किया गया था कि राज्य के जेलों में बंद प्रभावशाली व्यक्तियों के प्रभाव में कार्य किया जा रहा है. वहीं सुरक्षा के प्रति जेलों में लापरवाही बरती जा रही है. इस कारण जेल प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है. साथ ही राज्य सरकार को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

Next Article

Exit mobile version