रांची, सुनील चौधरी : डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड ट्रस्ट (डीएमएफटी) के तहत विभिन्न खनन कंपनियों से मिली राशि को खर्च करने के मामले में राज्य काफी पीछे है. इस राशि से खनन प्रभावित जिलों में विकास कार्य किये जाते हैं. डीएमएफटी से नवंबर 2023 तक कुल 11861 करोड़ रुपये राज्य सरकार को मिल चुका है. इसमें सिर्फ 5875 करोड़ रुपये ही खर्च हो सके हैं. अर्थात 50 फीसदी से भी कम राशि खर्च हो पायी. हालांकि 9327 करोड़ रुपये की योजनाओं की मंजूरी दी गयी है. गौरतलब है कि किसी जिले में कोई खदान है और इससे प्राप्त होनेवाली रॉयल्टी की 30 प्रतिशत राशि संबंधित जिले के डीएमएफटी को प्राप्त होती है. इस राशि से ही संबंधित जिले में पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, सड़क, आधारभूत संरचना सहित अन्य विकास योजनाओं के कार्य प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण किये जाते हैं. जिला प्रशासन द्वारा ही डीएमएफटी की राशि वसूली जाती है, फिर योजना बनती है और उसके अनुरूप खर्च की जाती है.
फंड डायवर्ट करने की मनाही है
डीएमएफटी के तहत स्वीकृत योजनाएं ही पूरी की जाती है. फंड डायवर्ट कर कोई अन्य काम कराने के लिए कैबिनेट की मंजूरी लेनी पड़ती है. झारखंड सरकार के खान विभाग द्वारा कुछ जिलों में ऐसा प्रयास किया गया था, कि फंड डायवर्ट कर राशि खर्च की जाये. मामला प्रकाश में आने पर संबंधित जिले के डीसी को हिदायत दी गयी है कि किसी भी हाल में फंड डायवर्ट कर कोई काम न करायें.
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