Jharkhand Government Schemes, रांची : झारखंड में जन्म से लेकर मृत्यु तक महिलाओं पर एक वर्ष में लगभग 11 हजार करोड़ रुपये (प्रतिमाह करीब 900 करोड़) खर्च कर रही है. ऐसी महिलाओं की संख्या करीब 84 लाख है. इसमें बड़ी रकम खर्च होने का अनुमान हाल ही में शुरू हुई झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना को लेकर है. अगस्त में 423.22 करोड़ रुपये महिलाओं के खाते में भेजे गये हैं. मंईयां सम्मान योजना के तहत फिलहाल 21 से 49 वर्ष तक की 48,15,048 महिलाएं निबंधित की गयी हैं. इन पर एक साल में 5778 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. राज्य में महिलाओंं के लिये चल रही कई योजनाएं केंद्र सरकार की भी हैं. दूसरी बड़ी राशि 50 वर्ष से अधिक की महिलाओं को 1000 रुपये प्रतिमाह पेंशन देने पर खर्च होती है. राज्य में ऐसी महिलाएं करीब 20 लाख हैं. इस योजना पर सालाना करीब 2400 करोड़ रुपये खर्च होते हैं.
नौ लाख किशोरियों को जोड़ा गया है सावित्रीबाई फुले योजना से
तीसरी है 13 वर्ष से 18 वर्ष की किशोरियों के लिए ‘सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना’. इस योजना से नौ लाख किशोरियों को जोड़ा गया है. इसके तहत किशोरियों को आठवीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक पांच किस्तों में 40,000 रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाती है. आठवीं में 2500 रुपये, नौवीं में 2500, 10वीं में 5000, ग्यारहवीं में 5000 और बारहवीं में 5000 रुपये किशोरियों के बैंक खाते में डाले जाते हैं. किशोरी के 18 साल के होने और उसका मतदाता पहचान पत्र बन जाने पर उसे एकमुश्त 20,000 रुपये दिये जाते हैं. यानी औसतन इन किशोरियों को प्रतिमाह 600 रुपये मिल रहे हैं. इस वर्ष इस योजना पर 428 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं.
विवाह व बच्चे के जन्म पर भी मिलती है राशि :
युवती के विवाह के बाद उसे पहले प्रसव पर 5000 और दूसरे प्रसव पर 6000 रुपये की सहायता दी जाती है. विवाह के लिए प्रति विवाह 2000 रुपये अनुदान दिया जाता है. मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत विवाह के समय 30 हजार रुपये दिये जाने का प्रावधान है. दुर्भाग्यवश वह विधवा हो गयी, तो विधवा पेंशन के रूप में 1000 रुपये प्रतिमाह दिये जाते हैं. ऐसी महिलाओं की संख्या लगभग 2.52 लाख है. वहीं 18 वर्ष के बाद परित्यक्त महिला एवं 45 वर्ष के बाद अकेली रहनेवाली महिलाओं को भी 1000 रुपये प्रतिमाह देने का प्रावधान है. ऐसी महिलाओं की संख्या 4.75 लाख है. इन पर हर साल 544.52 करोड़ रुपये खर्च होते हैं. राज्य सरकार द्वारा यह भी प्रावधान है कि किसी महिला की मृत्यु हो गयी, तो अंतिम संस्कार के लिए 2000 रुपये प्रति संस्कार दिया जाना है.
जन्म के समय से ही मिलने लगता है लाभ
जन्म लेने के साथ ही बच्ची को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना शुरू हो जाता है. आंगनबाड़ी केंद्र व स्वास्थ्य केंद्र में टीकाकरण, तीन से छह वर्ष के बच्चियों की पढ़ाई, माताओं के टीकाकरण आदि पर एक वर्ष में 400.30 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान है. बच्चों के पोषण अभियान में एक वर्ष में 88.96 करोड़ रुपये खर्च होते हैं. वहीं, छह माह से छह वर्ष तक के कुपोषित बच्चों के लिए पूरक पोषाहार और माताओं के आहार पर करीब 840 करोड़ रुपये खर्च होते हैं. इसके बाद 13 वर्ष की होते ही बच्ची ‘किशोरी समृद्धि योजना’ की लाभुक बन जाती है, जिसका लाभ उसे 18 वर्ष की उम्र तक मिलता है. अब सरकार ने 18 से 21 वर्ष की युवतियों को भी ‘मंईयां सम्मान योजना’ से जोड़ना का फैसला किया है.
एक नजर में जानिये, महिलाओं पर होनेवाले खर्च
आंगनबाड़ी सेवाएं (जन्म से छह वर्ष के बच्चियां एवं गर्भवती महिलाएं) 400.30 करोड़
पोषण अभियान (शून्य से छह वर्ष के बच्चे, किशोरी, गर्भवती माताएं) 88.96 करोड़
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ 30.00 करोड़
पूरक पोषाहार (छह माह से छह वर्ष के बच्चे, गर्भवती माताएं) 840.00 करोड़
पालना (शून्य से छह वर्ष के बच्चे) 10.48 करोड़
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना 92.00 करोड़
झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (21 से 50 वर्ष को एक हजार प्रतिमाह) 5778.00 करोड़
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन (1000/माह)-252054 306.62 करोड़
मुख्यमंत्री राज्य आदिम जनजाति पेंशन योजनान (विवाहित महिला को 1000/माह) 89.16 करोड़
शक्ति सदन (ट्रैफिकिंग की शिकार महिला के लिए) 8.00 करोड़
सखी निवास (कामकाजी महिलाओं के लिए आवासीय सुविधा) 3.99 करोड़
महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए केंद्र 13.62 करोड़
महिला हेल्प लाइन 2.00 करोड़
वन स्टॉप सेंटर 11.04 करोड़
डायन प्रथा/सामूहिक विवाह के लिए प्रति विवाह 2000 रुपये 8.10 करोड़
आंगनबाड़ी चलो अभियान के तहत तीन से छह वर्ष के बच्चों के पढ़ाई 260.17 करोड़
आकांक्षी जिलों के 14 से 18 वर्ष की किशोरी के लिए 300 दिन पूरक आहार 79.02 करोड़
सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना(13 से 19 वर्ष की बालिका) 428.00 करोड़
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना 40.00 करोड़
महिलाएं को मातृ किट, सेनेटरी नैपकीन एवं विधवा के पुनर्विवाह (दो लाख रुपये) 176.40 करोड़
विधवा एवं परित्यक्त महिलाओं को एक हजार/माह 544.52 करोड़
अंतिम संस्कार के लिए/संस्कार 2000.00 करोड़
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