रांची : राज्यपाल सह कुलाधिपति सीपी राधाकृष्णन राज्य के सरकारी विश्वविद्यालयों में सत्र और परीक्षा संचालन से लेकर रिजल्ट की घोषणा तक में हो रही देरी से नाराज हैं. राज्यपाल ने कहा है कि यह बहुत ही खेदजनक है कि शैक्षणिक और परीक्षा कैलेंडर विवि द्वारा राजभवन भेजने के बावजूद इसका पालन नहीं किया जा रहा है. जबकि विवि के सभी कुलपति को कैलेंडर में निर्धारित समय-सीमा का पालन करने का स्पष्ट निर्देश दिया गया था. राज्यपाल ने सभी कुलपति से कहा कि विवि में सत्र के विलंब होने, परीक्षा संचालन से लेकर रिजल्ट की घोषणा में हो रही देरी के लिए जिम्मेदारी तय करें.राज्यपाल श्री राधाकृष्णन ने कुलपतियों से कहा है कि वे व्यक्तिगत रूप से शैक्षणिक व परीक्षा कैलेंडर की मॉनिटरिंग करें. साथ ही सख्ती से सुनिश्चित करें कि विवि में प्रत्येक पाठ्यक्रम के लिए परीक्षा विभाग द्वारा समय पर परिणामों की घोषणा की जाये. राज्यपाल के निर्देश के आलोक में उनके प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने सभी विवि के कुलपति को पत्र भेज कर कहा है कि राज्यपाल ने विवि द्वारा शैक्षणिक तथा परीक्षा कैलेंडर का पालन नहीं करने को गंभीरता से लिया है. इसलिए अब किसी भी हाल में कैलेंडर में निर्धारित तिथि के डायवर्सन या चूक को गंभीरता से लिया जायेगा.
परीक्षा होनी थी दिसंबर 2023 में, अब तक रजिस्ट्रेशन ही चल रहा
राज्य के कई विवि की स्थिति यह है कि स्नातक सत्र 2023-27 सेमेस्टर एक व स्नातकोत्तर (सत्र 2023-25) सेमेस्टर एक की परीक्षा कैलेंडर के मुताबिक दिसंबर 2023 में ही होनी थी, लेकिन विवि में स्नातक में अब तक रजिस्ट्रेशन का कार्य ही चल रहा है. वहीं, कई स्नातकोत्तर विभागों में अब तक नामांकन ही लिया जा रहा है. जबकि यूजीसी के नियमानुसार सभी विवि में नये सत्र की शुरूआत प्रत्येक वर्ष के जुलाई/अगस्त में होना है. जानकारी के अनुसार, राज्य के सरकारी विवि व कॉलेज में नामांकन चांसलर पोर्टल से लिया जाना है, लेकिन राज्य के ही अल्पसंख्यक कॉलेजों में नामांकन का कार्य कॉलेज के अपने नियम के अनुसार चल रहे हैं. जबकि, रजिस्ट्रेशन व परीक्षा लेने की जिम्मेवारी विवि के पास है. ऐसे में इन कॉलेजों द्वारा भी समय पर डाटा नहीं भेजने से विवि के पास तकनीकी अड़चनें आ रही हैं.
फॉर्म भर रहे हैं विद्यार्थी, पर ई-मेल व मोबाइल नंबर कैफे का
राज्य के विवि व कॉलेजों में कई ऐसे विद्यार्थी (खास कर दूर-दराज के गरीब विद्यार्थी) अपना नामांकन से लेकर परीक्षा फॉर्म ऑनलाइन भरने के लिए कैफे की मदद लेते हैं. इससे फॉर्म में कैफे संचालक विद्यार्थी की जगह अपना ई-मेल या मोबाइल नंबर डाल दे रहे हैं. इससे विवि/कॉलेज द्वारा भेजी जा रही कोई भी जानकारी या मैसेज विद्यार्थी के पास नहीं पहुंच कर कैफे में चले जा रहे हैं. इससे विवि/कॉलेजों की परेशानी बढ़ गयी है.