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झारखंड के गवर्नर सीपी राधाकृष्ण और सीएम हेमंत सोरेन ने ‘आदित्य एल-1’ की सफल लांचिंग पर इसरो को दी बधाई

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लिखा, ‘अभूतपूर्व! चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद आज हमारे इसरो के महान वैज्ञानि कों ने सूर्य का अध्ययन करने के लिए आदित्य-एल1 का सफल प्रक्षेपण किया है. इस अवसर पर इसरो के सभी वैज्ञानिकों, उनके परिवारों और पूरे देश को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं.’

By Mithilesh Jha | September 2, 2023 5:13 PM
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झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को देश के महत्वाकांक्षी सूर्य मिशन ‘आदित्य एल1’ के सफल प्रक्षेपण के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों को बधाई दी है. 23 घंटे 40 मिनट की उलटी गिनती जैसे ही समाप्त हुई, 44.4 मीटर लंबा ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) चेन्नई से लगभग 135 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से पूर्वाह्न 11 बजकर 50 मिनट पर निर्धारित समय पर शानदार ढंग से आसमान की तरफ रवाना हुआ.

अनोखी यात्रा पर ‘आदित्य एल1’ : राज्यपाल

राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता के बाद इसरो एक बार फिर ‘आदित्य एल1’ के साथ सूर्य का अध्ययन करने वाले पहले अंतरिक्ष मिशन के रूप में एक अनोखी यात्रा पर है. प्रक्षेपण पर मेरी हार्दिक बधाई. सूर्य अन्वेषण और अभूतपूर्व खोजों के उज्ज्वल भविष्य के लिए इसरो को और अधिक सफलता की शुभकामनाएं.’

सीएम हेमंत सोरेन बोले – पूरे देश को बहुत-बहुत बधाई

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ‘अभूतपूर्व! चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद आज हमारे इसरो के महान वैज्ञानिकों ने सूर्य का अध्ययन करने के लिए आदित्य-एल1 का सफल प्रक्षेपण किया है. इस अवसर पर इसरो के सभी वैज्ञानिकों, उनके परिवारों और पूरे देश को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं.’

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125 दिन में पूरी होगी 15 लाख किमी लंबी यात्रा

इसरो के अनुसार, ‘आदित्य-एल1’ सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला है. यह अंतरिक्ष यान 125 दिन में पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर लंबी यात्रा करने के बाद लैग्रेंजियन बिंदु ‘एल1’ के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित होगा, जिसे सूर्य के सबसे करीब माना जाता है. यह वहीं से सूर्य पर होने वाली विभिन्न घटनाओं का अध्ययन करेगा.

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