रांची : राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा है कि इडी द्वारा पूछताछ के दिन सीएम हाउस के पास बिना मतलब के बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुटाना सरकार और उनकी पार्टी की गलती थी. इस तरह की मनोवृत्ति खत्म करनी होगी. सीएम हाउस के पास इतनी बड़ी संख्या में लोगों के जुटने के कारण ही सीआरपीएफ को बुलाया गया. भ्रष्टाचार समाज के लिए कैंसर के समान है. राज्यपाल श्री राधाकृष्णन गुरुवार को आर्यभट्ट सभागार में आयोजित ‘मतदाता दिवस समारोह’ में शामिल होने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
राज्यपाल ने कहा कि यदि गुणवत्तायुक्त विकास, गुणवत्तायुक्त सड़कें, गुणवत्तायुक्त भवन और सुविधाएं चाहिए, तो भ्रष्टाचार को समाप्त करना होगा. राज्यपाल ने कहा कि वोट किसी जाति, धर्म, भाषा को आधार बना कर नहीं दिया जाना चाहिए, बल्कि वोट विकास को आधार बना कर दिया जाना चाहिए. वोट सही आदमी को देना चाहिए, जो समाज के लिए कार्य करे. ताकि बदलाव के लिए महान नेता जयप्रकाश नारायण ने जो आह्वान किया था, उस पर अमल हो सके.
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आर्यभट्ट सभागार में आयोजित समारोह के दौरान राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने मतदाताओं से अपील की कि वे चुनाव में किसी भी प्रलोभन या भावना बहे बिना मजबूत और सुदृढ़ लोकतंत्र के लिए मतदान करें. श्री राधाकृष्णन ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में मतदान का अधिकार सामाजिक बदलाव का सबसे बड़ा हथियार है. इसलिए यह जरूरी है कि मतदाता विवेक के आधार पर अपने मताधिकार का प्रयोग करे. क्योंकि, देखा जाये तो देश की आजादी के बाद 1947 से आज तक बिजली, पानी जैसे मुद्दों के आधार पर ही वोट डाले जा रहे हैं. लेकिन, अब इससे अलग हट कर सोचने की जरूरत है. वोट राष्ट्र व समाज के अपेक्षित विकास के मुद्दे पर करना चाहिए. मताधिकार सिर्फ राजनीतिक बदलाव की सोच के तहत नहीं करना, बल्कि इससे राष्ट्र और समाज में अच्छा बदलाव आये, इस भावना के तहत करना चाहिए.
रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इडी को अप्रत्यक्ष रूप से पूछताछ के लिए समय देने से इनकार किया है. इडी के नौवें समन सह पत्र का जवाब सीएम ने गुरुवार को भेजा. इस पत्र में समय देने का उल्लेख नहीं किया गया है. मुख्यमंत्री की ओर से भेजे गये पत्र में यह कहा गया है कि उन्हें इडी का पत्र मिला. वह उचित समय पर इसका जवाब दे देंगे. उल्लेखनीय है कि इडी ने 22 जनवरी को पत्र भेज कर उन्हें 27 से 31 जनवरी के बीच पूछताछ के लिए समय देने के लिए कहा था. साथ ही जगह और समय बताने के लिए दो दिनों का समय दिया था.