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राज्यपाल बोले- वरिष्ठ CRPF अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी झारखंड सरकार की ‘गलती’

रांची जिला प्रशासन ने सोरेन के सरकारी आवास के पास निषेधाज्ञा लागू कर दी थी, जहां उन्होंने 20 जनवरी को सुबह 7 बजे से रात 11 बजे तक इडी की पूछताछ का सामना किया था.

By Prabhat Khabar News Desk | January 26, 2024 1:01 AM

रांची: झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने गुरुवार को कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (इडी) द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ के एक दिन बाद सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किया जाना राज्य सरकार की ‘गलती’ है. एक कथित भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में इडी द्वारा सोरेन से पूछताछ के दौरान सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा का ‘उल्लंघन’ करने के लिए स्थानीय प्रशासन ने 21 जनवरी को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर यहां आयोजित समारोह से इतर संवाददाताओं से बातचीत में राधाकृष्णन ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री आवास के बाहर अनावश्यक रूप से भारी भीड़ जमा की गयी थी. इसलिए सीआरपीएफ को आना पड़ा. यह सरकार की गलती थी. इस तरह के रवैये को रोका जाना चाहिए.’’

रांची जिला प्रशासन ने सोरेन के सरकारी आवास के पास निषेधाज्ञा लागू कर दी थी, जहां उन्होंने 20 जनवरी को सुबह 7 बजे से रात 11 बजे तक इडी की पूछताछ का सामना किया था. निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और भीम आर्मी के समर्थकों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गयी. सत्तारूढ़ झामुमो ने रविवार को आरोप लगाया था कि जब इडी सोरेन से पूछताछ कर रही थी, उस दौरान सीआरपीएफ के करीब 500 कर्मियों ने बिना अनुमति के सोरेन के आवास में घुसने का प्रयास किया. झामुमो ने केंद्रीय बल की तैनाती की जांच की मांग की थी.

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पार्टी ने एक बयान में दावा किया कि यह गैरकानूनी था और इसका उद्देश्य पास में ही प्रदर्शन कर रहे सोरेन के समर्थकों को भड़काना था, ताकि वे सीआरपीएफ जवानों पर हमला करें. इस बीच, इडी ने सोरेन को नये सिरे से समन जारी करके धनशोधन के मामले में 27 से 31 जनवरी के बीच दोबारा बयान दर्ज कराने को कहा है. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. केंद्रीय एजेंसी ने इस मामले में पहली बार 20 जनवरी को उनका बयान दर्ज किया था. अधिकारी इसके लिए यहां उनके सरकारी आवास पर पहुंचे थे.

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