18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस बोले- ज्ञान के केंद्र होते हैं यूनिवर्सिटी, भविष्य को गढ़ते हैं शिक्षण संस्थान

Jharkhand News (रांची) : प्राकृतिक एवं खनिज सम्पदा से समृद्ध झारखंड में विकास की असीम संभावनाएं हैं. शिक्षण संस्थान ज्ञान के केंद्र होते हैं. झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने धनबाद के बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल यूनिवर्सिटी के पहले दीक्षांत समारोह में संबोधित कर रहे थे.

Jharkhand News (रांची) : प्राकृतिक एवं खनिज सम्पदा से समृद्ध झारखंड में विकास की असीम संभावनाएं हैं. लेकिन, बौद्धिक संपदा के बिना हम इनका कुशलतापूर्वक समुचित उपयोग नहीं कर सकते. इस परिप्रेक्ष्य में यूनिवर्सिटी की अहम भूमिका होती है. शिक्षण संस्थान ज्ञान के केंद्र होते हैं, भविष्य को गढ़ते हैं. झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने धनबाद के बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में वर्चुअल माध्यम से शामिल होकर छात्र-छात्राओं को संबोधित कर रहे थे.

Undefined
झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस बोले- ज्ञान के केंद्र होते हैं यूनिवर्सिटी, भविष्य को गढ़ते हैं शिक्षण संस्थान 2

राज्यपाल श्री बैस ने कहा कि समारोह के आयोजन पर प्रसन्नता तब और अधिक होती जब संक्रमण की विषम परिस्थितियां नहीं होती और मैं अपने प्यारे छात्र-छात्राओं के मध्य शामिल हो पाता, उनसे मिल सकता. दीक्षांत समारोह के दिन विद्यार्थियों के चेहरे पर मुस्कान, उनके उमंग एवं उनके उत्साह का क्षण दीक्षांत समारोह की गरिमा को और बढ़ा देता है. ज्ञान और सूचना तकनीक के विभिन्न आयामों के जरिये ही हम विकास की गति को तीव्र कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि विभिन्न दीक्षान्त समारोह में देखता हूं कि Gold Medal हासिल करने वालों लडकों की अपेक्षा अब लड़कियों की संख्या अधिक रहती है. नारी सशक्तीकरण की दृष्टि से भी यह अहम है. उच्च शिक्षा के विस्तारीकरण के लिए आवश्यकतानुसार नये शिक्षण संस्थान भी स्थापित होनी चाहिए.

Also Read: झारखंड के रांची में फिर बढ़ने लगे कोरोना के मरीज, 42 से बढ़ कर 73 हुए एक्टिव केस, क्या आ गयी है तीसरी लहर ?

श्री बैस ने कहा कि हाल ही में राष्ट्र को नई शिक्षा नीति-2020 समर्पित की गई है. इसमें मातृभाषा एवं नैतिकता पर विशेष बल दिया गया है. यह शिक्षा नीति पूर्णतः छात्र केंद्रित है और भारत को विश्व गुरू बनाने की दिशा में कारगर होगी. सीखने का माध्यम भाषा के रूप में मातृभाषा का कोई विकल्प नहीं.

युवा उच्च शिक्षा ग्रहण करें

राज्यपाल ने कहा राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में हमारा प्रयास होगा कि इस राज्य के अधिक से अधिक युवा उच्च शिक्षा ग्रहण करें. ज्ञानार्जन में जाति, धर्म, लिंग बाधक नहीं बनना चाहिए. उच्च शिक्षा के विस्तारीकरण के लिए आवश्यकतानुसार नये शिक्षण संस्थान भी स्थापित होनी चाहिए. शिक्षा से ही लोगों में जागृति आ सकती है तथा सामाजिक कुरीतियों का पूरी तरह से समाज से अंत हो सकता है. हमारे शिक्षण संस्थानों की यह कोशिश होनी चाहिए कि विद्यार्थी नैतिकवान एवं चरित्रवान हों. इन अर्थों में देखें, तो दीक्षांत समारोह शिक्षा का समापन नहीं, बल्कि शुरू है. आज के वैश्विक परिवेश ने युवाओं को अनेक स्वर्णिम अवसर प्रदान किये हैं, लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं है. हमारे विद्यार्थियों को इन चुनौतियों का समाधान करते हुए जीवन में सफलता के शिखर पर चढ़ना है.

शहीदों के सम्मान में शिक्षण संस्थान

दीक्षांत समारोह में छात्र- छात्राओं को संबोधित करते हुए सीएम श्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड राज्य का कोयलांचल सिर्फ कोयला और लोहा के लिए ही नहीं, बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए जाना जायेगा और नई ऊंचाइयों को स्थापित करेगा. झारखंड के वीर शहीदों के सम्मान में शिक्षण संस्थान स्थापित किये जा रहे हैं. ऐसे ही राज्य के उत्थान के लिए समर्पित स्वर्गीय बिनोद बिहारी महतो की याद और उनके सम्मान में यह यूनिवर्सिटी छात्रों को समर्पित किया गया है. आने वाले दिनों में सभी प्रमंडलों में स्थापित हो रहे यूनिवर्सिटी, कॉलेज और शिक्षण संस्थान झारखंड के बच्चों को बेहतर अवसर प्रदान करेंगे. शिक्षा के क्षेत्र में राज्य के छात्र उच्च स्थान प्राप्त कर रहे हैं, इसका श्रेय शिक्षकों, स्कूल और कॉलेज के प्रबंधन को जाता है.

Also Read: झारखंड में सामान्य से कम हुई बारिश, जामताड़ा जिले में सबसे अधिक, किन जिलों की क्या है स्थिति देखें लिस्ट शिक्षा को लेकर योजनाएं, संक्रमण काल ने रोका

सीएम श्री सोरेन ने कहा कि राज्य के छात्र-छात्राओं को अच्छी शिक्षा प्रदान करने के लिए योजनाएं हैं. लेकिन, संक्रमण के इस कालखंड ने इसे काफी हद तक प्रभावित कर रखा है. संक्रमण की गति धीमी पड़ते ही जीवन को सामान्य बनाकर योजनाओं को गति दी जायेगी. साथ ही, बेहतर शिक्षा की कार्य योजना के लिए सभी यूनिवर्सिटी के कुलपतियों के साथ राज्य सरकार जल्द चर्चा करेगी.

अमीन का कोर्स शुरू करें

उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग की समीक्षा के दौरान यह पता चला कि राज्य में अमीन की पढ़ाई नहीं के बराबर करायी जा रही है. इसके बाद इस क्षेत्र में पढ़ाई करने की इच्छा रखने वाले छात्रों को अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से इस कोर्स को शुरू करने का निर्देश दिया. बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल यूनिवर्सिटी के कुलपति से आग्रह है.

छात्रों की बेहतरी के लिए हो रहे हैं हर संभव प्रयास

उन्होंने कहा कि राज्य के अनुसूचित जनजाति के छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना शुरू की गयी है, जिसमें छात्रों की पढ़ाई का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी. वर्तमान में योजना सीमित दायरा में शुरू किया गया है. छात्रों के रुझान के अनुसार, इस योजना का दायरा आनेवाले समय में बढ़ाया जायेगा. छात्रों के रहने के लिए छात्रावास बनाये जा रहे हैं. सैकड़ों की संख्या में जो जर्जर छात्रावास है, उन्हें पुनर्जीवित किया जा रहा है. करीब 500 ऐसे छात्रावासों को सुसज्जित करने का कार्य शुरू हुआ है. संक्रमण का दौर घटते ही यह कार्य पूरा कर लिया जायेगा. सरकार संक्रमण की चुनौती को स्वीकार करते हुए बेहतर शिक्षा व्यवस्था स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है.

Also Read: 6th जेपीएससी के सफल अभ्यर्थी मेरिट लिस्ट रद्द करने के आदेश के खिलाफ पहुंचे हाइकोर्ट, दी ये दलील

इस अवसर पर धनबाद सांसद पीएन सिंह, धनबाद विधायक राज सिन्हा, विधायक पूर्णिमा सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, कुलपति डॉ अंजनी कुमार श्रीवास्तव, बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल यूनिवर्सिटी के कुलसचिव कर्नल डॉ एमके सिंह, विभिन्न संकायों के एचओडी, अभिषद परिषद के सदस्यगण एवं अन्य उपस्थित थे.

Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें