jharkhand govt job news : झारखंड में 16 हजार नौकरियां नियम-कानून के पेंच में फंसी, 8 हजार से ज्यादा लोगों की नियुक्तियां रद्द
2010-11 में जैक की प्राथमिक-माध्यमिक विद्यालय की शिक्षक नियुक्ति में आठ हजार नौजवानों के हाथ नौकरी आयी, लेकिन उसे रद्द कर दिया गया. वहीं हाइकोर्ट ने छठी जेपीएससी के 326 अफसरों की मेरिट लिस्ट को रद्द करने का आदेश दिया है. हालांकि मेरिट लिस्ट में आये लोग फिलहाल नौकरी में हैं और सरकार एसएलपी में जाने की तैयारी कर रही है. छठी जेपीएससी में सफल हुए छात्रों की सांसें अटकी हुई है. इसके अलावा 16 हजार से अधिक पदों पर बहाली के बाद भी अभ्यर्थियों का मामला कोर्ट में लंबित है या फिर इसकी सीबीआइ जांच चल रही है. इन नौकरियों पर जांच व कानून की तलवार लटकी है.
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पिस रहे हैं युवा, नौकरी मिली भी तो कोर्ट के चौखट तक पहुंचे
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हजारों नौकरियों पर सरकार को लेना है फैसला, तीन हजार पंचायत सचिव नौकरी की आस में
झारखंड में नौकरियां युवाओं के हाथ में आने के बाद भी फिसल रही हैं. परीक्षा में गड़बड़ी, भ्रष्टाचार और नियमावली के पेच में युवाओं का भविष्य उलझ रहा है. राज्य गठन के बाद से अब तक 8326 नियुक्तियां रद्द हो चुकी हैं. नियुक्तियों के लिए नियमावली व प्रक्रिया का पालन विभाग ने किया, लेकिन इसमें अपना दिन-रात खपानेवाले छात्र फंस गये.
2010-11 में जैक की प्राथमिक-माध्यमिक विद्यालय की शिक्षक नियुक्ति में आठ हजार नौजवानों के हाथ नौकरी आयी, लेकिन उसे रद्द कर दिया गया. वहीं हाइकोर्ट ने छठी जेपीएससी के 326 अफसरों की मेरिट लिस्ट को रद्द करने का आदेश दिया है. हालांकि मेरिट लिस्ट में आये लोग फिलहाल नौकरी में हैं और सरकार एसएलपी में जाने की तैयारी कर रही है. छठी जेपीएससी में सफल हुए छात्रों की सांसें अटकी हुई है. इसके अलावा 16 हजार से अधिक पदों पर बहाली के बाद भी अभ्यर्थियों का मामला कोर्ट में लंबित है या फिर इसकी सीबीआइ जांच चल रही है. इन नौकरियों पर जांच व कानून की तलवार लटकी है.
इन सब का प्रमुख कारण है भ्रष्टाचार, गड़बड़ी और प्रक्रिया में खामी. वहीं नौकरी कर रहे लोगों के बीच ऊहापोह की स्थिति है. विवि में असिस्टेंट प्रोफेसर, पंचायत सेवक, बीआइटी सिंदरी में असिस्टेंट प्रोफेसर सहित छह हजार से अधिक पदों पर नियुक्ति सिर्फ सरकार से अनुमति मिलने की आस में लंबित पड़ी है.
सातवीं, आठवीं, नौवीं व 10वीं सिविल सेवा के तहत 252 पदों पर नियुक्ति के लिए परीक्षा कोरोना महामारी के कारण स्थगित हैं. यानि राज्य में तीन हजार से ज्यादा ऐसे पदों पर युवा नौकरी की आस में हैं, जिसमें सरकार को फैसला लेना है.
वर्ष 2008 में नियुक्त विवि शिक्षक लगा रहे कोर्ट का चक्कर :
जेपीएससी ने वर्ष 2008 में विवि शिक्षकों के 750 पदों पर नियुक्ति के लिए झारखंड पात्रता परीक्षा ली व शिक्षकों की इंटरव्यू के आधार पर नियुक्ति की. लेकिन आज भी इस नियुक्ति से जुड़े उम्मीदवार सीबीआइ या फिर कोर्ट का चक्कर लगा रहे हैं. सीबीआइ पूछताछ चल रही है. दर्जन भर से अधिक शिक्षकों पर चार्जशीट दायर किया गया है. तीन शिक्षकों की गिरफ्तारी भी हो गयी है. इसी प्रकार छठी सिविल सेवा परीक्षा में 326 पदों पर लोग बहाल भी हो गये, लेकिन हाइकोर्ट के आदेश के कारण उनकी नौकरी खतरे में पड़ गयी.
हाइकोर्ट ने आयोग द्वारा नियम विरुद्ध बने मेरिट लिस्ट को ही रद्द कर दिया. साथ ही दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई का आदेश भी दिया. अब 326 उम्मीदवार नौकरी बचाने के लिए वकील के माध्यम से कोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए दौड़ लगा रहे हैं. वहीं जेपीएससी की ओर से इस मामले को डबल बेंच में ले जाने का निर्णय लिया गया है. इसके पहले जेपीएससी ने 2005 में 50 प्रथम सीमित डिप्टी कलक्टर नियुक्ति परीक्षा की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन अब तक रिजल्ट जारी नहीं हो सका है.
लगभग 21 साल में जेपीएससी द्वारा छह सिविल परीक्षा का आयोजन किया गया है. वर्ष 2019 में 1108 असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए आवेदन मंगाये गये, लेकिन आरक्षण मुद्दे को लेकर केंद्र व सुप्रीम कोर्ट में मामला फंस गया. विवि में किसी तरह अनुबंध के शिक्षकों से काम चलाया जा रहा है. 637 असिस्टेंट इंजीनियर की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गयी, लेकिन नियमावली में पेच के कारण हाइकोर्ट ने परीक्षा से एक दिन पूर्व पूरी प्रक्रिया को ही रद्द कर दिया. हालांकि सरकार इस मामले में एलपीए में गयी है, जहां सुनवाई चल रही है.
आठ हजार सफल अभ्यर्थियों का रद्द हो गया था रिजल्ट :
राज्य में वर्ष 2010-11 में प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में लगभग 13000 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किया गया था. झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा आयोजित परीक्षा में लगभग 8000 अभ्यर्थी सफल हुए. नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया में विज्ञापन जारी होने के बाद इसमें बदलाव किया गया. इसके खिलाफ कुछ अभ्यर्थियों ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की. हाइकोर्ट में सुनवाई के बाद 8000 सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं हो सकी.
3088 पंचायत सचिव व लिपिक नियुक्ति पत्र की आस में
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने वर्ष 2017 में पंचायत सचिव, निम्नवर्गीय लिपिक व आशुलिपिक के 3088 पदों पर नियमित व बैकलॉग बहाली के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया था. इसके बाद एक लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन दिया. लिखित परीक्षा का परिणाम 23 फरवरी 2019 को जारी किया गया. एक जुलाई से आठ जुलाई 2019 तक लगभग 7457 अभ्यर्थियों की कौशल जांच की गयी.
कौशल जांच के बाद शॉर्टलिस्टेड लगभग 4948 अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन 27 से 31 अगस्त तक तथा तीन सितंबर से सात सितंबर 2019 तक किया गया. इसके बाद आयोग द्वारा अंतिम मेधा सूची तैयार करने का काम शुरू किया गया, लेकिन अंतिम मेधा सूची का प्रकाशन नहीं हो पाया. 21 सितंबर 2020 को झारखंड हाइकोर्ट के लार्जर बेंच ने हाइस्कूल शिक्षक नियुक्ति को लेकर सोनी कुमारी के केस में फैसला सुनाया.
फैसले के अनुसार अनुसूचित जिलों में नियुक्त शिक्षकों की नियुक्ति को हाइकोर्ट ने रद्द कर दिया. नये सिरे से नियुक्ति का आदेश दिया तथा गैर अनुसूचित जिलों की नियुक्तियों में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को आगे बढ़ने का आदेश दिया. इसके बाद आयोग ने कार्मिक, प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग को पत्र लिख कर मेधा सूची जारी करने के मामले में परामर्श मांगा, लेकिन परामर्श नहीं मिला. इसके बाद आयोग ने अलग-अलग समय में विभाग को पत्र लेकर परामर्श देने का आग्रह किया गया. वह परामर्श आयोग को अब तक नहीं मिला है.
इन परीक्षाओं की सीबीआइ कर रही है जांच
जेपीएससी प्रथम सिविल सेवा परीक्षा (64 पद), द्वितीय सिविल सेवा परीक्षा (172 पद), तृतीय सिविल सेवा परीक्षा (242), विवि लेक्चरर नियुक्ति परीक्षा (750 पद), असिस्टेंट और जूनियर इंजीनियर नियुक्ति (335 पद), प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति परीक्षा (9735 पद), चिकित्सक नियुक्ति परीक्षा (1070 पद), डिप्टी रजिस्ट्रार नियुक्ति परीक्षा (02 पद), सहकारिता प्रसार पदाधिकारी परीक्षा (325 पद), बाजार पर्यवेक्षक परीक्षा (53 पद), राजकीय फार्मेसी संस्थान लेक्चरर नियुक्ति (07 पद) व सीमित उपसमाहर्ता परीक्षा आदि.
हाइकोर्ट ने इन परीक्षाओं को रद्द किया
छठी सिविल सेवा मेरिट लिस्ट : 326 पद
प्राथमिक व मध्य विद्यालय शिक्षक नियुक्ति : 8000 पद
जेपीएससी असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति परीक्षा : 637 (इसकी परीक्षा में ही रोक लग गयी)
नियमावली में पेच/सरकार की अनुमति की प्रत्याशा में प्रभावित नियुक्ति
विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति परीक्षा : 552 पद
विश्वविद्यालय में प्रोफेसर नियुक्ति : 70 पद
राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला में निदेशक व पदाधिकारी नियुक्ति परीक्षा : 49
पंचायत सचिव, निम्नवर्गीय लिपिक व आशुलिपिक नियुक्ति : 3088
कोर्ट में कौन-कौन मामले चल रहे हैं
असिस्टेंट टाउन प्लानर नियुक्ति : 77
सिविल जज जूनियर डिवीजन (खेल कोटा)
हाइस्कूल शिक्षक नियुक्ति : 3684
हर साल खड़ी हो रही स्नातकों की फौज
विवि में हर वर्ष स्नातक व स्नातकोत्तर करनेवालों की फौज खड़ी हो रही है. 49 प्रतिशत स्नातक व 46 प्रतिशत स्नातकोत्तर उत्तीर्ण युवा रोजगार की तलाश में हैं.
झारखंड में युवाओं के हाथ से फिसलती रही हैं नौकरियां, परीक्षा में गड़बड़ी, नियमावली के चक्कर में कोर्ट में फंस रहा है मामला
3684 हाइस्कूल शिक्षकों की नियुक्ति का मामला सुप्रीम कोर्ट में
राज्य के 13 अनुसूचित जिलों में 3684 हाइस्कूल शिक्षकों की नियुक्ति का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. झारखंड हाइकोर्ट ने 2016 के नियोजन नीति के तहत 13 जिलों में हाइस्कूल शिक्षकों की नियुक्ति को रद्द कर दिया है. जिसके खिलाफ शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.
16.5% बेरोजगारी दर
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आंकड़े के अनुसार, अप्रैल 2021 में झारखंड की बेरोजगारी दर 16.5 फीसदी रही. इससे पहले बेरोजगारी दर 8.2 फीसदी के आसपास थी. दूसरी ओर नेशनल सैंपल सर्वे के मुताबिक झारखंड में हर पांच युवा में एक बेरोजगार है. आंकड़े पर गौर करें, तो राज्य में सात लाख से अधिक युवाओं ने नियोजनालय में नौकरी पाने के लिए अपना निबंधन कराया है.
Posted By : Sameer Oraon