Jharkhand Govt Job News 2021 : झारखंडी युवा मांगे रोजगार हुआ ट्विटर पर ट्रेंड, सर्वाधिक ट्वीट के मामले में तीसरे स्थान पर, जानें कैसी है लोगों की प्रतिक्रियाएं
युवाओं का कहना है कि झारखंड सरकार जिस प्रकार से युवाओं से पांच लाख प्रति वर्ष रोजगार का वादा करके सत्ता में आयी, लेकिन डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी न तो नियुक्ति परीक्षा हो सकी और न ही पूर्व में ली गयी परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति हो सकी है. तीन जुलाई तक चलनेवाले इस अभियान में युवा रोजगार नहीं मिलने पर आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं.
Govt Jobs in Jharkhand रांची : झारखंड के युवा राज्य में रोजगार की मांग को लेकर ट्विटर अभियान चला रखे हैं. तीन जुलाई तक चलनेवाले इस ट्विटर अभियान का नाम झारखंडी युवा मांगे रोजगार रखा है. पिछले 24 घंटे में यह अभियान पूरे देश में ट्रेंड कर रहा है. अब तक चार लाख से अधिक ट्विट हो चुके हैं और देश भर में ट्विट वाले हैशटेग में तीसरे स्थान पर रहा.
युवाओं का कहना है कि झारखंड सरकार जिस प्रकार से युवाओं से पांच लाख प्रति वर्ष रोजगार का वादा करके सत्ता में आयी, लेकिन डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी न तो नियुक्ति परीक्षा हो सकी और न ही पूर्व में ली गयी परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति हो सकी है. तीन जुलाई तक चलनेवाले इस अभियान में युवा रोजगार नहीं मिलने पर आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं.
इनका कहना है कि सातवीं से 10वीं जेपीएससी का फॉर्म भरवा कर कई महीने बीत गये, लेकिन परीक्षा नहीं हो सकी. जेएसएसएसी-सीजीएल पिछले छह वर्ष से अधर में है. पंचायत सचिव की नियुक्ति प्रक्रिया सरकार रोक रखी है. इसी प्रकार दो वर्ष पूर्व स्पेशल ब्रांच अौर एक्साइज कांस्टेबल की परीक्षा ली गयी, लेकिन अब तक रिजल्ट जारी नहीं हुआ. टेट पास अभ्यर्थी को सीधी नियुक्ति का वादा किया, लेकिन संभव नहीं हो सका. जूनियर इंजीनियर की परीक्षा लिये सात वर्ष हो चुके हैं, लेकिन इसकी सुध लेनेवाला कोई नहीं है. टेक्निकल कोर्स के विद्यार्थियों की स्थिति बदतर हो गयी है. वर्ष 2015 में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हुई, पर फिर से रद्द कर दिया गया.
एएनएम-जीएनएम नियुक्ति भी इसी तरह फंसी हुई है. दारोगा नियुक्ति में उम्र सीमा अधिकतम 26 वर्ष कर दी गयी है, लेकिन पिछले चार वर्ष से इसका भी कोई विज्ञापन नहीं आया है. ऐसे में बिना परीक्षा दिये अभ्यर्थी अधिकतम उम्र सीमा पार कर जायेंगे. फॉरेस्ट गार्ड-कक्षपाल की भी परीक्षा 2014-17 में हुई, लेकिन इसका भी कुछ अता-पता नहीं है. एक्साइज इंस्पेक्टर नियुक्ति रुकी हुई है. कई नियुक्तियां नियमावली के पेंच में फंसी हुई है. नियोजन नीति स्पष्ट नहीं है. युवाओं ने ट्विटर के माध्यम से कहा है कि एक तरफ सरकार कह रही है कि नयी नियोजन नीति नहीं बनायेगी और नियुक्तियां 2016 की नीति के आधार पर ही होगी, तो फिर इस दिशा में भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
Posted By : Sameer Oraon