झारखंड में इलेक्ट्रिक वाहन के क्षेत्र में निवेश करने को इच्छुक है अमेरिका, बस सरकार को करना होगा ये काम
अमेरिकी कंपनियां झारखंड में इलेक्ट्रिक वाहन के क्षेत्र में निवेश करने के लिए तैयार है. सीएम हेमंत से कल यूएस काउंसेल जनरल इन कोलकाता मेलिंडा एम पावेक ने मुलाकात की. जिसके बाद ये प्रस्ताव दिया गया.
रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सोमवार को कांके रोड रांची स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में यूएस काउंसेल जनरल इन कोलकाता मेलिंडा एम पावेक ने मुलाकात की. हालांकि मुख्यमंत्री से यह उनकी शिष्टाचार भेंट थी. इसके बाद काउंसेल जेनरल ने अधिकारियों से भी बात की है.
उन्होंने सरकार के समक्ष प्रस्ताव दिया है कि यदि झारखंड सरकार इलेक्ट्रिकल व्हीकल पॉलिसी बना लेती है, तो अमेरिका और कई अमेरिकी कंपनियां झारखंड में निवेश करने के लिए इच्छुक हैं. अमेरिका द्वारा इथेनॉल पॉलिसी के बाबत भी जानकारी ली गयी. कहा गया कि यूएसए भी ग्रीन फ्यूल को बढ़ावा देना चाहता है. इसके लिए झारखंड सरकार को अमेरिका टेक्नोलॉजी सपोर्ट करेगा.
मौके पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, उद्योग सचिव पूजा सिंघल एवं यूएस काउंसेल जनरल इन कोलकाता के सहयोगी पॉलीटिकल / इकोनॉमिक ऑफिसर ट्रेविस कॉबेरली, इकोनॉमिक स्पेशलिस्ट संगीता डे चंदा, मीडिया स्पेशलिस्ट दीपा दत्ता एवं फॉरेन सर्विस नेशनल इन्वेस्टिगेटर अभिजीत शर्मा उपस्थित थे.
क्लीन माइनिंग में तकनीकी सहायता देने का प्रस्ताव :
काउंसेल जनरल द्वारा क्लीन माइनिंग में तकनीकी सहायता देने का प्रस्ताव दिया गया है. खान सचिव से कहा गया है कि अमेरिका ऐसी माइनिंग का पक्षधर है, जिसमें पर्यावरण को हानि न हो और माइनिंग भी बेहतर तरीके से हो सके. इसके लिए अमेरिका तकनीकी सहयोग करेगा.
यूएसए कोल इंडिया की कंपनियों सीसीएल, बीसीसीएल व इसीएल को भी तकनीकी सहयोग देगा. अगले दिन इन कंपनियों के अधिकारियों के साथ भी यूएस काउंसेल की बैठक रखी गयी है. खान सचिव ने कहा है कि राज्य सरकार भी चाहती है कि पर्यावरण को हानि न पहुंचे. इसके लिए ग्रीन एनर्जी एवं ग्रीन फ्यूल व क्लीन माइनिंग पर सरकार भी जोर दे रही है.
Posted By : Sameer Oraon