झारखंड के सरकारी स्कूल में पढ़ रहे छात्रों को हर माह देनी होगी परीक्षा, शिक्षा परियोजना निदेशक ने दिया निर्देश
सरकारी स्कूलों में तीन से आठ कक्षा तक के छात्रों को अब मासिक जांच परीक्षा देनी होगी, इसके लिए झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक ने दिशा निर्देश जारी कर दिया है और इसके लिए प्रशन पत्र तैयार करने जिम्मेदारी जेसीइआरटी पर होगी.
monthly school test in jharkhand रांची : राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले कक्षा तीन से आठ तक के बच्चों की मासिक जांच (मूल्यांकन) परीक्षा ली जायेगी. झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक ने इस संबंध में सभी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र भेजा है. जिलों को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा इस वर्ष नवंबर में राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे (नैस) का आयोजन किया जायेगा.
जेसीइआरटी प्रश्न पत्र तैयार करेगा :
सर्वे के आधार पर स्कूली शिक्षा में राज्यों की रैकिंग जारी की जाती है. ऐसे में परीक्षा की तैयारी के लिए प्रतिमाह बच्चों के मूल्यांकन का निर्णय लिया गया है. बच्चों के मूल्यांकन के लिए जेसीइआरटी प्रश्न पत्र तैयार करेगा. स्कूलों को ऑनलाइन प्रश्न पत्र उपलब्ध कराया जायेगा.
शिक्षक प्रश्न पत्र की फोटो कॉपी करा कर बच्चों को उपलब्ध करायेंगे. प्रश्न के लिए बच्चे को विद्यालय बुलाया जायेगा, बच्चे के विद्यालय नहीं आने की स्थिति में अभिभावक प्रश्न विद्यालय से ले जायेंगे. बच्चों को उत्तर लिखने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जायेगा. उत्तरपुस्तिका जमा करने के लिए स्कूलों में ड्राॅप बाक्स लगाया जायेगा. विद्यार्थी ड्राॅप बाॅक्स में उत्तरपुस्तिका जमा करेंगे. शिक्षक मूल्यांकन कर उत्तरपुस्तिका फिर से विद्यार्थी को उपलब्ध करायेंगे. कोई उत्तर गलत होने पर शिक्षक इसकी विस्तृत विवेचना कॉपी पर लिखेंगे, जिससे विद्यार्थी उस आधार पर उसका अभ्यास कर सकें.
हर माह प्रथम सप्ताह में होगी परीक्षा
परीक्षा के लिए बच्चों को हर माह के प्रथम सप्ताह में प्रश्न पत्र उपलब्ध कराया जायेगा. बच्चे अपनी कॉपी में उत्तर लिखेंगे व दूसरे सप्ताह में ड्रॉप बाक्स में कॉपी जमा करेंगे. कॉपी जांच के बाद शिक्षक तीसरे सप्ताह में फिर से बच्चों को कॉपी उपलब्ध करायेंगे. प्रश्न पत्र के फोटो कॉपी के लिए राशि विद्यालय विकास कोष से खर्च की जायेगी.
मार्च 2020 से बंद है स्कूल :
स्कूलों में कोविड के कारण कक्षा एक से आठ तक की पढ़ाई मार्च 2020 से बंद है. इस दौरान शिक्षा परियोजना द्वारा अॉनलाइन लर्निंग मेटेरियल भेजा जा रहा है. सिर्फ 35% बच्चों तक ही लर्निंग मेटेरियल पहुंच रहा है.
Posted By : Sameer Oraon