लॉकडाउन में फंसे झारखंड के 60 श्रमिकों को लद्दाख से किया गया एयरलिफ्ट, स्वागत के लिए सीएम हेमंत शाम सात बजे पहुंचेंगे एयरपोर्ट
Jharkhand govt airlifts 60 migrant workers from Leh रांची : हेमंत सोरेन की सरकार ने केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख के लेह से झारखंड के 60 प्रवासी श्रमिकों को शुक्रवार (29 मई, 2020) को एयरलिफ्ट किया. ये प्रवासी श्रमिक लद्दाख के लेह एयरपोर्ट से स्पाइस जेट के विमान में सवार होकर नयी दिल्ली पहुंच गये हैं. शाम को 6 बजे ये लोग दिल्ली से इंडिगो की फ्लाइट से रांची पहुंचेंगे. रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर प्रवासी श्रमिकों का स्वागत करने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद पहुंचेंगे. इसके बाद यहां से सभी श्रमिकों को जरूरी जांच के बाद दुमका भेजा जायेगा. उनके साथ राज्य सरकार के किसी वरिष्ठ अधिकारी या मंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारियों को भी दुमका भेजा जायेगा. इतना ही नहीं, अंडमान एवं निकोबार से भी करीब 320 प्रवासी श्रमिकों को जल्द ही वापस लाया जायेगा.
रांची : हेमंत सोरेन की सरकार ने केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख के लेह से झारखंड के 60 प्रवासी श्रमिकों को शुक्रवार (29 मई, 2020) को एयरलिफ्ट किया. ये प्रवासी श्रमिक लद्दाख के लेह एयरपोर्ट से स्पाइस जेट के विमान में सवार होकर नयी दिल्ली पहुंच गये हैं. संभावना है कि वे आज रात आठ बजे तक दिल्ली से इंडिगो की फ्लाइट से रांची पहुंचेंगे. उनके स्वागत के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शाम सात बजे रांची एयरपोर्ट पहुंचेंगे
Also Read: डेढ़ लाख प्रवासियों को घर पहुंचाया, अब झारखंड के लोगों को एयरलिफ्ट करने की तैयारी में हेमंत सोरेन सरकारजानकारी के अनुसार एयरपोर्ट पर श्रमिकों की जरूरी जांच की जायेगी उसके बाद उन्हें दुमका भेजा जायेगा. उनके साथ राज्य सरकार के किसी वरिष्ठ अधिकारी या मंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारियों को भी दुमका भेजा जायेगा. इतना ही नहीं, अंडमान एवं निकोबार से भी करीब 320 प्रवासी श्रमिकों को जल्द ही वापस लाया जायेगा.
हवाई मार्ग द्वारा लेह से आने वाले हमारे श्रमिक भाई दिल्ली एयरपोर्ट पहुँच चुके हैं जहाँ राज्य सरकार के प्रोटोकॉल अधिकारी द्वारा उनकी मदद की जा रही है।
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) May 29, 2020
समयानुसार सभी साथी आज दिल्ली से राँची पहुँच जायेंगे। सभी को सुखद और सुरक्षित यात्रा हेतु शुभकामनाएं। @HemantSorenJMM pic.twitter.com/k4mqkidz4F
प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी पर सुप्रीम कोर्ट के अहम फैसले का हवाला देते हुए राज्य सरकार ने कहा है कि वह अपनी जिम्मेदारी निभा रही है. लेह से लोगों को लाने पर करीब 8 लाख रुपये का खर्च आया है, जो राज्य सरकार खुद वहन करेगी. सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि प्रवासी श्रमिकों से यात्रा का किराया नहीं वसूला जाना चाहिए. कोर्ट के इस फैसले से पहले ही झारखंड सरकार ने लॉकडाउन की वजह से अलग-अलग राज्यों में फंसे अपने नागरिकों कोलाने का खर्च वहन करने का एलान कर दिया था.
हालांकि, गृह मंत्रालय से उसे इसकी अनुमति नहीं मिल रही है. लेकिन, कॉमर्शियल फ्लाइट्स की सेवा शुरू होने के बाद शुक्रवार को लेह से एक विमान झारखंड के 60 प्रवासी श्रमिकों को लेकर उड़ान भरेगा और रांची पहुंचेगा. चूंकि ये सभी लोग दुमका जिला के रहने वाले हैं, इन्हें रांची से दुमका भेजने की भी व्यवस्था सरकार करेगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिन में 12 बजे ट्विटर पर इस बात की जानकारी साझा करेंगे कि बटालिक से झारखंड के प्रवासी श्रमिकों को लेकर विमान कब रवाना होगा.
सरकार ने कहा है कि बटालिक-कारगिल सेक्टर में फंसे झारखंड के प्रवासी श्रमिकों को उनके घर लाने के प्रयास 10 मई, 2020 को ही शुरू हो गये थे. बटालिक-कारगिल सेक्टर में बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) के लिए काम करने वाले प्रवासी श्रमिकों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से ट्विटर के जरिये घर लौटने में मदद की अपील की.
प्रवासी श्रमिकों के ट्वीट का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख के स्थानीय प्रशासन से उनकी मदद करने का आग्रह किया. झारखंड कंट्रोल रूम ने इन लोगों को राज्य की वेबसाइट और एप्प पर इन सभी लोगों का पंजीकरण कराया. मुख्यमंत्री के आग्रह पर बीआरओ ने लगातार इन लोगों के लिए भोजन एवं राशन की व्यवस्था की.
झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने 12 मई, 2020 को केंद्रीय गृह सचिव को एक चिट्ठी लिखी. इसमें उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि लॉकडाउन की वजह से अंडमान, लद्दाख और पूर्वोत्तर के राज्यों में फंसे झारखंड के श्रमिकों को विशेष विमान से वापस लाने की अनुमति दी जाये. राज्य सरकार ने स्पष्ट कहा कि इसका पूरा खर्चा वह स्वयं वहन करेगी.
केंद्र सरकार ने इस पत्र का कोई जवाब नहीं दिया, तो 20 मई को मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा. एक बार फिर उन्होंने आग्रह किया कि झारखंड के प्रवासी श्रमिकों को लद्दाख, अंडमान और पूर्वोत्तर के राज्यों से एयरलिफ्ट करने की अनुमति प्रदान करें. इस पत्र का भी केंद्र ने कोई संज्ञान नहीं लिया.
Also Read: करीब तीन लाख लोगों ने झारखंड लौटने के लिए कराया पंजीकरण, सभी को लायेंगे वापस : हेमंत सोरेनइस बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कोरोना संकट में घिरे प्रवासी श्रमिकों की समस्या से निबटने के लिए बनी उनकी टीम के सदस्य लेह में फंसे लोगों के संपर्क में बने रहे. हर दिन उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी लेते रहे. 5 दिन बाद वाणिज्यिक विमानों का परिचालन शुरू हुआ. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 26 मई, 2020 को अपनी टीम को निर्देश दिया कि वे दुमका के इन 60 प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के रास्ते तलाशें.
My earnest request to .@lg_ladakh Office & @LAHDC_K office to take note of the ituation of these stranded workers of Jharkhand. I would appreciate your necessary intervention to provide requisite food/rations support to these workers.@jharkhand181 & @Covid19Team – pls coordinate https://t.co/JyDMgZWvQ8
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) May 11, 2020
मुख्यमंत्री की टीम ने 26 से 28 मई के बीच लेह के कारगिल जिला में स्थित बटालिक के गोरगोडोह गांव में फंसे दुमका के सभी प्रवासी श्रमिकों की पूरी जानकारी एकत्र की. बीआरओ प्रोजेक्ट के प्रमुख विनायक, केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख के डिवीजनल कमिश्नर सौगत विश्वास, स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं और लेह से दिल्ली और दिल्ली से रांची के बीच उड़ान भरने वाली विमान कंपनियों से संपर्क स्थापित किया.
Also Read: 12 दिन में 6.85 लाख लोगों ने झारखंड वापसी के लिए कराया रजिस्ट्रेशन, 41,673 प्रवासियों ने फोन पर मांगी मददलद्दाख के डिवीजनल कमिश्नर और बीआरओ के अधिकारियों की मदद से सभी 60 श्रमिकों को 28 मई, 2020 को थर्मल स्क्रीनिंग के बाद सड़क मार्ग से लेह पहुंचाया गया. इस वक्त सभी श्रमिक ट्रांजिट कैंप में हैं. 29 मई, 2020 को दिन में 12 बजे ये सभी श्रमिक स्पाइस जेट की फ्लाइट से लेह से उड़ान भरेंगे. करीब 2 बजे सभी लोग दिल्ली पहुंचेंगे और वहां से इंडिगो एयरलाइंस के विमान से शाम 6 बजे रांची के लिए उड़ान भरेंगे. रात को 8 बजे ये सभी लोग रांची पहुंच जायेंगे.
Posted By Mithilesh Jha