Jharkhand Govt Topple Case : आरोपी विधायक दोषी पाए गये तो चुनाव लड़ने से होंगे वंचित, जानें क्या है पूरा मामला
jharkhand govt alliance toppling case : इस संबंध में वरिष्ठ क्रिमिनल एडवोकेट विश्वजीत मुखर्जी कहते हैं कि प्राथमिकी की धाराओं के आधार पर यदि सजा होती है, तो आरोपी विधायक चुनाव लड़ने से वंचित हो जायेंगे. भादवि की धारा-420 धोखाधड़ी की धारा है.
Jharkhand Political Update रांची : झारखंड में झामुमो, कांग्रेस और राजद की गठबंधनवाली सरकार को गिराने की साजिश में 22 जुलाई 2021 को रांची के कोतवाली थाना में कांग्रेस विधायक जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसके तहत कोतवाली थाना कांड संख्या-159/2021 में भादवि की धारा-419, 420, 124 ए, 120 बी, 34 तथा 171(बी) आरपी एक्ट तथा 8/9 पीसी एक्ट लगाया गया है.
इस संबंध में वरिष्ठ क्रिमिनल एडवोकेट विश्वजीत मुखर्जी कहते हैं कि प्राथमिकी की धाराओं के आधार पर यदि सजा होती है, तो आरोपी विधायक चुनाव लड़ने से वंचित हो जायेंगे. भादवि की धारा-420 धोखाधड़ी की धारा है. यदि इस धारा के तहत सजा होती है, तो आरोपियों को सात साल की सजा होगी. जबकि दो साल या दो साल से ज्यादा की सजा होने पर जनप्रतिनिधि के चुनाव लड़ने पर पाबंदी है.
किन धाराओं में क्या है सजा का प्रावधान
419 (दूसरे की पहचान को अपनी बता कर किसी के सामने पेश करना) : तीन साल से सात साल तक की सजा
420 (धोखाधड़ी) : सात साल तक की सजा
124 ए (राजद्रोह) : उम्रकैद तक की सजा
120 बी (अापराधिक षडयंत्र) : सभी सजाओं के साथ
171 (बी)आरपी एक्ट : (पब्लिक रिप्रेजेंटेटिव एक्ट) : एक साल की सजा
8/9 पीसी एक्ट: पांच से दस साल तक की सजा का प्रावधान है
पुलिस ने अनुसंधान के दौरान जुटाये कई साक्ष्य
पुलिस ने आरंभिक अनुसंधान के दौरान कई साक्ष्य एकत्र किये हैं. केस में अभिषेक कुमार दुबे, अमित कुमार सिंह और निवारण प्रसाद महतो को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजने से पहले उनका स्वीकारोक्ति बयान लिया गया है. इसके आधार पर महाराष्ट्र भाजपा के दो नेताओं के अलावा चार महाराष्ट्र के ही लोगों के अलावा दो पत्रकार और कुछ अन्य लोगों का नाम सामने आ चुका है.
पुलिस दिल्ली और रांची से मामले में शामिल लोगों और विधायकों की संलिप्तता के बारे में अब तक कई तरह के साक्ष्य एकत्रित कर चुकी है. पुलिस अब विधायकों से पूछताछ करेगी.
बोले विशेषज्ञ बढ़ जायेगी मुश्किलें
इस केस में सूचक एक विधायक हैं. इस कारण इसका महत्व बढ़ जाता है. इसमें सरकार गिराने की साजिश के तहत विधायकों को प्रलोभन देकर खरीद-फरोख्त की बात सामने आयी है. वह भी हवाला के पैसे से. हवाला भी राजद्रोह है. जिन धाराओं के तहत केस हुआ है, उसके आधार पर सजा होती है, तो संबंधित जनप्रतिनिधि चुनाव लड़ने से वंचित हो जायेंगे. संजय विद्रोही, अधिवक्ता
पुलिस ने अब तक इन बिंदुओं पर जुटाये हैं साक्ष्य
सरकार गिराने की साजिश में शामिल गिरफ्तार तीनों आरोपियों के साथ रांची से तीन विधायक फ्लाइट से दिल्ली गये थे. आरोपियों ने भी तीनों विधायक की संलिप्तता की जानकारी अपने बयान में दी है. हालांकि किसी का नाम नहीं लिया. पीएनआर नंबर के आधार पर तीनों विधायकों इरफान अंसारी, उमाशंकर अकेला और अमित यादव के बारे में पता चला.
रांची से दिल्ली गयी पुलिस टीम ने होटल विवांता से फुटेज हासिल किया है. इसके आधार पर तीनों विधायकों के होटल से एक गाड़ी में महाराष्ट्र के बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री चंद्रशेखर के भांजे जयकुमार बेलखड़े के साथ जाने की पुष्टि हुई है.
Posted By : Sameer Oraon