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झारखंड के सरकारी विभागों में 2,87,129 पद खाली, स्वीकृत पदों के विरुद्ध 38% कर्मी ही कार्यरत

पदों की रिक्तियों का सीधा असर राज्य सरकार के कार्यों पर पड़ता है. बड़ी संख्या में पद खाली रहने की वजह से फाइलों का मूवमेंट धीमा हो जाता है. जिससे विकास कार्यों की गति मंद पड़ जाती है.

विवेक चंद्र, रांची:

झारखंड के सरकारी विभागों में कर्मियों की भारी कमी है. विभागों में लगभग पौने तीन लाख पद खाली हैं. स्वीकृत पदों के विरुद्ध करीब 38.44% पद पर ही कर्मचारी कार्यरत हैं. राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में स्वीकृत पदों की कुल संख्या 4,66,494 है. इसके विरुद्ध केवल 1,79,365 पदों पर ही कर्मी कार्यरत हैं. शेष 2,87,129 पद खाली पड़े हुए हैं.

समय पर प्रोन्नति देकर भरे जा सकते हैं एक लाख पद : 

पदों की रिक्तियों का सीधा असर राज्य सरकार के कार्यों पर पड़ता है. बड़ी संख्या में पद खाली रहने की वजह से फाइलों का मूवमेंट धीमा हो जाता है. जिससे विकास कार्यों की गति मंद पड़ जाती है. नियमानुसार, विभागों के कुल स्वीकृत पदों का 25 % पद पर सीधी नियुक्ति नहीं की जाती है. उन पदों को प्रोन्नति के माध्यम से भरा जाता है. इस फार्मूले के मुताबिक, अगर राज्य सरकार के पदाधिकारियों और कर्मियों को समय पर प्रोन्नति प्रदान कर खाली पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जाये, तो भी एक लाख से अधिक पदों को भरा जा सकता है. यहां यह उल्लेखनीय है कि फिलहाल, राज्य सरकार अपने नियमित कर्मियों के वेतन-भत्ते पर करीब 16000 करोड़ रुपये का सालाना खर्च करती है. कर्मियों को प्रोन्नति प्रदान करने के बाद उक्त राशि में लगभग आठ हजार करोड़ के इजाफे का अनुमान है.

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तीन विभागों में रिक्त पदों पर दो लाख हो सकते हैं नियुक्त : 

राज्य सरकार के विभागों में सबसे अधिक रिक्त पद शिक्षा विभाग में हैं. प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा में सवा लाख से अधिक पद खाली पड़े हुए हैं. वहीं, स्वास्थ्य व गृह विभाग में भी बड़ी संख्या में पद रिक्त पड़े हैं. इन तीनों विभागों में ही रिक्त पदों पर दो लाख से अधिक लोगों को रोजगार सुलभ हो सकता है. रिक्तियों के मामले में सबसे अच्छी स्थिति ऊर्जा विभाग की है. ऊर्जा विभाग में स्वीकृत पदों के विरुद्ध एक भी पद खाली नहीं है. शेष सभी विभागों में स्वीकृत कार्यबल से कम कर्मी कार्यरत हैं.

कहां, कितने पद हैं रिक्त

विभाग @ कुल पद @ कार्यरत @ रिक्त

राज्यपाल सचिवालय @ 149 @ 119 @ 30

हाईकोर्ट @ 1823 @ 892 @ 931

विधानसभा @ 1021 @ 936 @ 85

जेपीएससी @ 64 @ 45 @ 19

भवन निर्माण @ 1749 @ 497 @ 1252

उत्पाद @ 1255 @ 351 @ 874

वित्त @ 1102 @ 279 @ 823

सांस्थिक वित्त @ 31 @ 05 @ 26

वाणिज्य कर @ 1165 @ 462 @ 703

खाद्य आपूर्ति @ 1238 @ 331 @ 907

वन एवं पर्यावरण @ 7545 @ 3595 @ 3950

स्वास्थ्य @ 42956 @ 11365 @ 31581

उच्च शिक्षा @ 67 @ 38 @ 29

तकनीकी शिक्षा @ 1292 @ 477 @ 815

माध्यमिक शिक्षा @ 70083 @ 8944 @ 62839

प्राथमिक शिक्षा @ 181706 @ 41682 @ 140024

स्कूली शिक्षा @ 128 @ 36 @ 92

गृह @ 133734 @ 74919 @ 63572

उद्योग @ 2034 @ 390 @ 1644

पीआरडी @ 255 @ 115 @ 140

श्रम नियोजन @ 4711 @ 1002 @ 3709

विधि @ 7276 @ 5890 @ 1386

खान भूतत्व @ 827 @ 300 @ 527

संसदीय कार्य @ 23 @ 22 @ 01

कार्मिक @ 532 @ 295 @ 237

राजभाषा @ 556 @ 214 @ 342

योजना विकास @ 933 @ 275 @ 658

पेयजल @ 3351 @ 2061 @ 1290

स्टांप व निबंधन @ 211 @ 180 @ 31

आपदा प्रबंधन @ 161 @ 78 @ 83

भू-राजस्व @ 11078 @ 6738 @ 4340

पथ निर्माण @ 3601 @ 1654 @ 1947

ग्रामीण विकास @ 6419 @ 2490 @ 3209

मंत्रिमंडल सचिवालय @ 431 @ 269 @ 162

मंत्रिमंडल निर्वाचन @ 134 @ 106 @ 28

मंत्रिमंडल निगरानी @ 595 @ 389 @ 206

नागर विमानन @ 19 @ 10 @ 09

सूचना प्रावैद्यिकी @ 44 @ 13 @ 31

पर्यटन @ 153 @ 28 @ 125

परिवहन @ 237 @ 137 @ 100

नगर विकास @ 75 @ 51 @ 24

आवास @ 08 @ 07 @ 01

जल संसाधन @ 10832 @ 4032 @ 6800

लघु सिंचाई @ 2176 @ 900 @ 1276

कल्याण @ 4914 @ 1849 @ 3965

कला-संस्कृति @ 712 @ 171 @ 541

आरइओ @ 3647 @ 1777 @ 1870

पंचायती राज @ 5934 @ 1958 @ 3076

समाज कल्याण @ 3847 @ 1836 @ 2011

कृषि @ 5316 @ 1355 @ 3961

पशुपालन @ 3174 @ 1621 @ 1653

सहकारिता @ 3801 @ 674 @ 3127

फिशरी @ 441 @ 153 @ 288

डेयरी @ 283 @ 93 @ 190

ऊर्जा @ 138 @ 138 @ 00

राष्ट्रीय बचत @ 119 @ 20 @ 99

(स्रोत : राज्य सरकार के विभिन्न विभाग)

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