रांची : झारखंड सरकार ने प्रदेश में प्रतिबंधित पान मसाला का स्टॉक अन्य राज्यों में भेजने की अनुमति दे दी है. सरकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव सह खाद्य संरक्षा आयुक्त डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने बुधवार (13 मई, 2020) को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया. आदेश में कहा गया है कि संबंधित जिला के अनुमंडल पदाधिकारी सह खाद्य संरक्षा के पदाधिकारी की निगरानी में ही पान मसाला के स्टॉक को झारखंड राज्य की सीमा के बाहर भेजना होगा.
आदेश में कहा गया है कि पान मसाला के थोक विक्रेता/व्यापारियों को अपने गोदामों में बचे हुए माल को झारखंड राज्य की सीमा से बाहर भेजने हेतु करीब दो हफ्ते की छूट दी गयी है. यह छूट 31 मई तक जारी रहेगी. इस दरम्यान किसी भी प्रतिबंधित पान मसाला की थोक या खुदरा बिक्री नहीं होगी, सिर्फ दूसरे राज्यों में भेजने की छूट दी गयी है.
डॉ कुलकर्णी ने बताया कि सभी थोक विक्रेता अपने अधीनस्थ खुदरा विक्रेताओं से बचे हुए स्टॉक अपने गोदामों में एकत्र कर उसकी सूची बनाकर संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी सह खाद्य संरक्षा के पदाधिकारी एवं खाद्य संरक्षा पदाधिकारी को उपलब्ध करवायेंगे. उनकी ही निगरानी में बचा हुआ माल झारखंड राज्य की सीमा के बाहर भेजेंगे, जहां पर इन पान मसाला पर प्रतिबंध नहीं है.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के इस आदेश की जानकारी सभी जिलों के उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक सहित अनुमंडल पदाधिकारी एवं परिवहन पदाधिकारियों को दे दी गयी है.
उल्लेखनीय है कि झारखंड सरकार के स्वास्थ्य चिकित्सा एवं परिवार कल्याण विभाग ने 8 मई, 2020 को रजनीगंधा पान मसाला, राज निवास पान मसाला, पान पराग पान मसाला, शिखर पान मसाला, दिलरुबा पान मसाला, मुसाफिर पान मसाला, मधु पान मसाला, बिमल पान मसाला, बहार पान मसाला, सेहरात पान मसाला, पान पराग प्रीमियम पान मसाला के उत्पादन, भंडारण और वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया था.
विभागीय आदेश में कहा गया था कि उपरोक्त कंपनियों के पान मसाला में मैग्नीशियम कार्बोनेट पाया गया था, जिसकी वजह से इन कंपनियों के उत्पादों पर एक साल के प्रतिबंध लगा दिया गया था. अब सरकार ने कहा है कि 31 मई, 2020 तक इन कंपनियों के स्टॉकिस्ट इन उत्पादों को झारखंड से बाहर ले जा सकेंगे.
इस दौरान राज्य में कहीं भी इन कंपनियों के पान मसाला के वितरण या बिक्री की अनुमति नहीं होगी. 1 जून, 2020 से इन उत्पादों के परिवहन एवं भंडारण पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. इनका परिवहन और भंडारण भी नहीं किया जा सकेगा.