झारखंड : किसानों से धान खरीदने के लिए हेमंत सोरेन सरकार लेगी 1000 करोड़ रुपये कर्ज
सरकार ने इस वर्ष धान खरीद का लक्ष्य 36.30 लाख क्विंटल से बढ़ा कर 60 लाख क्विंटल कर दिया है. इस साल केंद्र सरकार की ओर से साधारण धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 2183 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है.
रांची, सतीश कुमार : सरकार खरीफ विपणन मौसम 2023-24 के धान खरीद को लेकर बैंक से 1000 करोड़ रुपये कर्ज लेगी. इसको लेकर खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से अंतिम चरण की प्रक्रिया पूरी की जा रही है. झारखंड राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम लिमिटेड (जेएसएफसी) के प्रबंध निदेशक यतींद्र प्रसाद ने एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (इओआइ) निकाल कर बैंकों को लोन देने के लिए आमंत्रित किया है. निविदा खोलने की अंतिम तिथि 26 दिसंबर निर्धारित की गयी है. वित्त विभाग की सहमति मिलने के बाद सरकार संबंधित बैंक से कर्ज लेकर धान खरीद की प्रक्रिया शुरू करेगी. सरकार ने इस वर्ष धान खरीद का लक्ष्य 36.30 लाख क्विंटल से बढ़ा कर 60 लाख क्विंटल कर दिया है. इस साल केंद्र सरकार की ओर से साधारण धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 2183 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. वहीं, ग्रेड-ए धान के लिए 2203 रुपये प्रति क्विंटल रेट निर्धारित किया है. इस राशि के अलावा किसानों को राज्य सरकार की ओर से 117 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बोनस मिलेगा. इस तरह इस साल राज्य के किसानों को सामान्य धान पर कुल 2300 रुपये और ग्रेड-ए धान पर 2320 रुपये प्रति क्विंटल भाव मिलेगा. इसके अलावा सरकार राइस मिलरों को 60 रुपए प्रति क्विंटल की दर से इंसेंटिव भी देगी. इस योजना पर सरकार कुल 70.20 करोड़ रुपये खर्च करेगी. राज्य सरकार ने इस साल किसानों से 60 लाख क्विंटल धान की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है, उसमें से 23 लाख क्विंटल धान की खरीद झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना और 37 लाख क्विंटल धान की खरीद केंद्र प्रायोजित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लिए की जायेगी.
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जेएसएफसी के प्रबंध निदेशक ने इओआइ निकाल बैंकों को लोन देने के लिए आमंत्रित किया है
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60 लाख क्विंटल धान की खरीद का है लक्ष्य, किसानों को मिलेगा प्रति क्विंटल 2300 रुपये
धान खरीद के समय किसानों को होगा 50 फीसदी भुगतान
सरकार ने इस वर्ष भी धान खरीद के समय किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की 50 प्रतिशत राशि का भुगतान करने का निर्णय लिया है. वहीं, शेष 50 प्रतिशत व बोनस की राशि का भुगतान धान अधिप्राप्ति केंद्रों से धान का उठाव संबद्ध राइस मिल अथवा जिला स्तर पर चयनित गोदाम में पहुंचाने के बाद किया जायेगा. हालांकि अभी तक धान खरीद की तिथि तय नहीं हो पायी है. पिछले कई वर्षों से सरकार की ओर से 15 दिसंबर से धान की खरीद होती थी, लेकिन इस बार विलंब हो रहा है. सरकार की ओर से धान खरीद के लिए 31 मार्च 2024 की अंतिम तिथि निर्धारित की गयी है.
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एक किसान 200 क्विंटल से अधिक धान नहीं बेच सकता
खाद्य आपूर्ति विभाग ने धान अधिप्राप्ति के लिए अधिकतम सीमा प्रति किसान 200 क्विंटल निर्धारित की है, ताकि अधिक से अधिक किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त हो सके. अपवाद स्वरूप यदि कोई किसान 200 क्विंटल से अधिक धान बेचता है तो उपायुक्त द्वारा स्थानीय जांच के बाद अनुमति प्रदान करने के संबंध में निर्णय लिया जायेगा.