कोलकाता में गिरफ्तार झारखंड हाइकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार की आज रांची के PMLA कोर्ट में पेशी

50 लाख रुपये के साथ कोलकाता में गिरफ्तार झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार की PMLA के विशेष न्यायाधीश की अदालत में आज पेशी होनी है. इसको लेकर प्रोडक्शन वारंट कोलकाता स्थित जेल और पुलिस को भेज दिया गया था. वहीं, झारखंड हाईकोर्ट ने हैवियस कॉरपस याचिका खारिज कर दी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 18, 2022 7:28 AM

Jharkhand News: कोलकाता में गिरफ्तार झारखंड हाइकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को 18 अगस्त को रांची स्थित PMLA कोर्ट में पेश किया जाना है. PMLA के विशेष न्यायाधीश की अदालत ने ED के अनुरोध पर अधिवक्ता राजीव कुमार को पेश करने के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी कर 18 अगस्त को पेश करने का निर्देश दिया था. प्रोडक्शन वारंट कोलकाता स्थित जेल और पुलिस को भेज दिया गया था, ताकि समय पर कोर्ट में पेशी की जा सके. राजीव कुमार को 31 जुलाई को कोलकाता पुलिस ने 50 लाख रुपये लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था. पुलिस ने यह कार्रवाई व्यापारी अमित अग्रवाल द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी के आलोक में की थी.

अधिवक्ता राजीव कुमार के परिजनों को राहत नहीं, हैवियस कॉरपस याचिका खारिज

इधर, झारखंड हाइकोर्ट ने अधिवक्ता राजीव कुमार के पिता की अोर से दायर हैवियस कॉरपस याचिका (बंदी प्रत्यक्षीकरण) पर बुधवार को सुनवाई की. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने सुनवाई के दाैरान प्रार्थी का पक्ष सुना. इसके बाद खंडपीठ ने हैवियस कॉरपस याचिका को खारिज कर दिया. खंडपीठ ने कहा कि अधिवक्ता राजीव कुमार पश्चिम बंगाल में न्यायिक हिरासत में जेल में हैं. उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी केस दर्ज कर लिया है. वैसी स्थिति में हैवियस कॉरपस याचिका पर सुनवाई का कोई आैचित्य नहीं रह जाता है. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजेंद्र कृष्ण ने पक्ष रखते हुए खंडपीठ के समक्ष एफआइआर की सर्टिफाइड कॉपी प्रस्तुत की.

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अधिवक्ता के पास से 50 लाख रुपये बरामद

उल्लेखनीय है कि प्रार्थी सत्यदेव राय ने हैवियस कॉरपस याचिका दायर की थी. कोलकाता पुलिस ने 31 जुलाई को झारखंड हाइकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को कोलकाता में एक मॉल से गिरफ्तार किया था. उनके पास से पुलिस ने 50 लाख रुपये नगद राशि बरामद की थी. कोलकाता के एक व्यवसायी ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि हाइकोर्ट में दायर पीआइएल को मैनेज करने के नाम पर अधिवक्ता ने राशि की मांग की थी.

Posted By: Samir Ranjan.

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