Jharkhand News: हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने कार्य बहिष्कार लिया वापस, कल होगी हैवियस कॉर्पस पर सुनवाई
झारखंड हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन ने अधिवक्ता राजीव कुमार की गिरफ्तारी के विरोध में लिए गए कार्य बहिष्कार को वापस ले लिया है. अब अधिवक्ता कल से नियत समय पर कार्य करेंगे. वहीं एसोसिएशन की ओर से हाइकोर्ट में फाइल किए गए हैवियस कॉर्पस मामले पर कल सुनवाई होगी.
Ranchi News: झारखंड हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन ने अधिवक्ता राजीव कुमार की गिरफ्तारी के विरोध में लिए गए कार्य बहिष्कार को वापस ले लिया है. अब अधिवक्ता कल से नियत समय पर कार्य करेंगे. वहीं एसोसिएशन की ओर से हाइकोर्ट में फाइल किए गए हैवियस कॉर्पस मामले पर कल सुनवाई होगी. हाइकोर्ट ने एडवोकेट एसोसिएशन की आग्रह पर सुनवाई के लिए कल की तिथि निर्धारित की है. इसके बाद एसोसिएशन ने बहिष्कार वापस लिया है. बताते चलें कि झारखंड हाइकोर्ट के अधिवक्ताओं ने गिरफ्तारी के विरोध में कार्य बहिष्कार किया था.
अधिवक्ता की गिरफ्तारी में रांची पुलिस की भूमिका नहीं
अधिवक्ता राजीव कुमार की गिरफ्तारी को लेकर रांची पुलिस ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की है. इस विज्ञप्ति में रांची पुलिस ने अधिवक्ता राजीव कुमार की गिरफ्तारी में रांची पुलिस की भूमिका से इनकार किया है. प्रेस विज्ञप्ति में लिखा हुआ है कि कतिपय मीडिया रिपोर्ट्स में यह खबर प्रकाशित की गई है कि अधिवक्ता राजीव कुमार की गिरफ़्तारी झारखंड पुलिस की सूचना पर की गई है. इस संदर्भ में सूचित किया जाता है कि यह कार्रवाई कोलकाता पुलिस के द्वारा की गई है एवं रांची पुलिस की इस कार्रवाई में कोई भूमिका नहीं है. रांची पुलिस के द्वारा उक्त गिरफ़्तारी के संबंध में ना तो कोलकाता पुलिस से कोई अनुरोध किया गया था और ना ही यह गिरफ़्तारी रांची पुलिस से संबंधित किसी मामले में की गई है.
कोलकाता के एक मॉल से हुई गिरफ्तारी
झारखंड हाइकोर्ट के चर्चित अधिवक्ता राजीव कुमार को रविवार शाम कोलकाता के बड़ाबाजार स्थित हैरिसन रोड के एक मॉल से हिरासत में लिया था. कोलकाता मध्य इलाके के लालबाजार एंटी राउडी स्क्वॉयड (एआरएस) पुलिस टीम ने हेयर स्ट्रीट थाने के साथ मिलकर कार्रवाई की थी. उस वक्त राजीव अपने बेटे अभेद के साथ मॉल में घूम रहे थे. जिसके बाद पुलिस ने आज उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.
क्या है उनपर आरोप
राजीव कुमार पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर कोलकाता के एक व्यवसायी के खिलाफ हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. उन पर आरोप है कि वे पीआईएल वापस लेने के लिए 10 करोड़ मांग रहे थे. कोलकाता पुलिस ने उन्हें 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया है. राजीव कुमार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के एक केस में पैरवी के लिए कोलकाता गये थे.