कंप्यूटर ऑपरेटरों के लिए खुशखबरी, झारखंड हाईकोर्ट ने दिया सरकार को वेतन पर निर्णय लेने के लिए इतने का दिनों समय
अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने अदालत को बताया कि वित्त विभाग ने वर्ष 2017 में संकल्प जारी किया था. जिसमें उन्होंने बताया कि कंप्यूटर ऑपरेटरों को बढ़ा हुआ मानदेय नहीं मिल रहा है.
रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने राज्य के जिलों में ग्रामीण कार्य विभाग(आरइओ) प्रमंडलों में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटरों को समान काम के बदले समान वेतन देने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान अदालत ने प्रार्थी व राज्य सरकार का पक्ष सुना. इसके बाद अदालत ने ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव को वित्त विभाग के वर्ष 2017 व 2023 के संकल्प के आलोक में चार माह के अंदर निर्णय लेने का आदेश दिया. इसके साथ ही अदालत ने याचिका को निष्पादित कर दिया.
वित्त विभाग ने वर्ष 2017 में जारी किया था संकल्प
प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने अदालत को बताया कि वित्त विभाग ने वर्ष 2017 में संकल्प जारी किया था. इसमें संविदा कंप्यूटर ऑपरेटर को प्रतिमाह “26,800 का मानदेय तथा वर्ष 2023 में उसे बढ़ा कर वित्त विभाग ने “34,400 प्रतिमाह कर दिया, लेकिन इसका लाभ जिला में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर को नहीं मिल रहा है. जबकि, अन्य विभाग में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर को बढ़ा मानदेय दिया जा रहा है. सचिवालय में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटरों को लाभ मिल रहा है, लेकिन जिले में काम कर रहे कंप्यूटर ऑपरेटरों को कम मानदेय दिया जा रहा है.
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