13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रांची पुलिस की कार्यशैली पर झारखंड हाइकोर्ट नाराज, SSP को शपथ पत्र दायर करने का निर्देश, जानें पूरा मामला

हाइकोर्ट में अधिवक्ता लिपिक के रूप में कार्यरत सुबोध कुमार के साथ 29 सितंबर 2023 को लूटपाट व मारपीट की घटना हुई थी. घटना को लेकर उन्होंने 30 सितंबर को धुर्वा थाना में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया

रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने क्रिमिनल रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए रांची पुलिस की कार्यशैली पर कड़ी नाराजगी जतायी. मामले की सुनवाई के दाैरान अदालत ने प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद पुलिस को मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया. साथ ही रांची के एसएसपी को व्यक्तिगत रूप से शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए सात नवंबर की तिथि निर्धारित की.

इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता सूरज कुमार वर्मा ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया गया कि हाइकोर्ट में अधिवक्ता लिपिक के रूप में कार्यरत सुबोध कुमार के साथ 29 सितंबर 2023 को लूटपाट व मारपीट की घटना हुई थी. घटना को लेकर उन्होंने 30 सितंबर को धुर्वा थाना में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया, लेकिन थाना ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की. इसके बाद उन्होंने एसएसपी को लिखित रूप में जानकारी दी. इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गयी. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अधिवक्ता लिपिक सुबोध कुमार ने क्रिमिनल रिट याचिका दायर की है. उन्होंने मामले में कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है.

रिजर्व कैटेगरी के अभ्यर्थियों को नहीं मिली राहत

हाइकोर्ट ने छठी जेपीएससी संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा में सामान्य कैटेगरी में मेरिट से आये रिजर्व कैटेगरी के अभ्यर्थियों के सेवा आवंटन मामले में दायर अपील याचिकाअों पर फैसला सुनाया. जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस नवनीत कुमार की खंडपीठ ने प्रार्थियों को राहत देने से इनकार करते हुए अपील याचिकाअों को खारिज कर दिया. साथ ही एकल पीठ के आदेश को सही ठहराया. पूर्व में 21 सितंबर 2023 को मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद खंडपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इससे पूर्व मामले की सुनवाई के दाैरान प्रार्थियों की अोर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने पक्ष रखते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उदाहरण दिया. उन्होंने बताया था कि सामान्य कोटि में चयनित आरक्षित कोटि के अभ्यर्थियों को उनकी मूल कोटि (आरक्षित में) में सेवा आवंटन किया जाना चाहिए. उनकी कोटि में कम अंक लानेवाले अभ्यर्थियों को प्रशासनिक कैडर आवंटन हुआ है, जबकि उनसे अधिक अंक लाने के बावजूद उन्हें प्रशासनिक कैडर नहीं दिया गया है, जो सही नहीं है.

Also Read: मैनहर्ट मामले में सरकार को झारखंड हाईकोर्ट ने जवाब दायर करने के लिए दिया लास्ट चांंस, अब इस दिन होगी सुनवाई

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें