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झारखंड हाईकोर्ट ने JPSC सिविल सर्विस परीक्षा मामले में CBI से पूछा- कब होगी जांच पूरी

मामले में आरोप पत्र भी दायर नहीं किया गया है. वहीं सफल अभ्यर्थियों की ओर से बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप किया था.

रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने प्रथम व द्वितीय जेपीएससी संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा की सीबीआइ जांच व राज्य सरकार की ओर से दायर अपील याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दाैरान सीबीआइ से जानना चाहा कि 12 वर्ष होने जा रहा है, लेकिन जांच अभी पूरी नहीं हुई है. जांच पूरी होने में विलंब क्यों हो रही है और यह कब तक पूरी होगी. यदि जांच में सीबीआइ को कुछ गड़बड़ियां मिली है, तो आरोप पत्र दायर कर जांच पूरा करना चाहिए था. खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई में सीबीआइ के अनुसंधानकर्ता (आइओ) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट के समक्ष उपस्थित रहने का निर्देश दिया.

साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 15 दिसंबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व सीबीआइ की अोर से बताया गया कि मामले में कोर्ट के निर्देश के आलोक में स्टेटस रिपोर्ट पहले ही दायर किया जा चुका है. प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि वर्ष 2011 में मामले को लेकर निगरानी (अब एसीबी) ने प्राथमिकी दर्ज की थी. बाद में हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में यह मामला सीबीआइ को गया था, लेकिन 12 वर्ष बीतने जा रहा है, लेकिन सीबीआइ की अोर से अब तक जांच पूरी नहीं की गयी है. मामले में आरोप पत्र भी दायर नहीं किया गया है. वहीं सफल अभ्यर्थियों की अोर से बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप किया था.

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सरकार को जवाब दायर करने का दिया निर्देश

आदेश का हवाला देते हुए बताया गया कि सीबीआइ जांच की हाइकोर्ट मॉनिटिरंग नहीं कर सकती है. झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की अोर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी बुद्धदेव उरांव व पवन कुमार चाैधरी ने जनहित याचिका दायर कर जेपीएससी परीक्षाओं में हुई गड़बड़ियों की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की है. हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में सीबीआइ गड़बड़ियों की जांच कर रही है. वहीं राज्य सरकार की ओर से अपील याचिका दायर कर 19 अधिकारियों के मामले में एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी गयी है. सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हो रही है.

क्या है मामला

झारखंड हाइकोर्ट ने 12 जून 2012 को जेपीएससी द्वारा ली गयी 12 परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी की जांच करने का आदेश सीबीआइ को दिया था. कोर्ट ने जेपीएससी की द्वितीय परीक्षा से नियुक्त हुए अधिकारियों को काम करने से रोकते हुए उनके वेतन भुगतान पर रोक लगा दी थी. हाइकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी, जिसमें अधिकारियों के काम करने व वेतन भुगतान के मामले में अंतरिम राहत मिल गयी थी. बाद में जनहित याचिकाकर्ता बुद्धदेव उरांव की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की गयी. सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2017 में इस मामले में सीबीआइ जांच को फिर से बहाल कर दिया था.

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