रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत ने धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या मामले में आरोपी झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई की. इस दाैरान प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि अब तक प्रार्थी संजीव सिंह को बेहतर इलाज के लिए एम्स क्यों नहीं भेजा गया है. अगली सुनवाई से पूर्व जवाब देने को कहा गया. मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने तीन जनवरी 2024 की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता बीएम त्रिपाठी व अधिवक्ता नवीन कुमार जायसवाल ने पैरवी की. उन्होंने कहा कि प्रार्थी गंभीर रूप से बीमार हैं. रिम्स के आठ चिकित्सकों की टीम ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए एम्स भेजने की अनुशंसा की है, लेकिन जेल प्रशासन अगस्त माह से ही इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. अधिवक्ताओं ने बेहतर इलाज के लिए 30 दिनों का औपबंधिक जमानत देने का आग्रह किया. वहीं सूचक की ओर से वरीय अधिवक्ता आरएस मजूमदार उपस्थित थे.
उल्लेखनीय है कि प्रार्थी पूर्व विधायक संजीव सिंह की ओर से जमानत याचिका दायर की गयी है. पूर्व में हाइकोर्ट से संजीव सिंह की दो बार जमानत याचिका खारिज हो चुकी है. धनबाद के डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्या मामले में झरिया के विधायक रहे संजीव सिंह 11 अप्रैल 2017 से जेल में बंद हैं. 21 मार्च 2017 को सरायढेला में नीरज सिंह सहित चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. 23 मार्च 2017 को सरायढेला थाना में नीरज के भाई अभिषेक सिंह की लिखित शिकायत पर संजीव सिंह, मनीष सिंह, पिंटू सिंह, महंत पांडेय, गया प्रताप सिंह के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.