रांची : स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा में उम्र सीमा के निर्धारण में बदलाव से संबंधित मामले में झारखंड हाइकोर्ट ने सरकार और जेएसएससी से जवाब मांगा है. मनोज कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने पूछा है कि उम्र सीमा में बदलाव का क्या आधार है. मामले पर अगली सुनवाई के लिए 11 फरवरी की तिथि निर्धारित की गयी है.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील विजयकांत दूबे ने अदालत को बताया कि राज्य कर्मचारी चयन आयोग ने इस परीक्षा के लिए विज्ञापन पूर्व में जारी किया था. उस समय अधिकतम उम्र सीमा के निर्धारण के लिए वर्ष एक अगस्त 2010 की तिथि निर्धारित की थी, परंतु आयोग ने नवंबर 2021 में नियुक्ति के लिए निकाले गये विज्ञापन को रद्द कर दिया. इसके बाद पुन: आयोग ने दिसंबर 2021 में नया विज्ञापन जारी किया.
इसमें उम्र सीमा के निर्धारण के वर्ष में बदलाव कर दिया गया और अधिकतम उम्र की गणना के लिए एक अगस्त 2021 की तिथि निर्धारित की गयी. प्रार्थी का कहना है कि पूर्व में नियुक्ति के लिए जो विज्ञापन निकला था, उसमें उन्होंने आवेदन दिया था. उनका आवेदन स्वीकृत हुआ था और परीक्षा में शामिल होने के लिए प्रवेश पत्र भी जारी किया गया.
बाद में आयोग ने अचानक परीक्षा रद्द कर दी. दोबारा विज्ञापन निकाला तो उम्र सीमा निर्धारण की तिथि बदल गयी. इस वजह वह परीक्षा में शामिल नहीं हो पा रहे हैं. याचिका में कहा गया है कि जेएसएससी ने प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी, प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी एवं अन्य पदों के लिए विज्ञापन निकाला है. प्रार्थी का कहना है कि परीक्षा रद्द होने के लिए वे जिम्मेवार नहीं है. इसलिए परीक्षा के उम्र सीमा का निर्धारण बदला जाये और पूर्व के विज्ञापन में दिये गये तिथि को ही मान्य रखा जाये.
Posted By : Sameer Oraon