झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा- लोकायुक्त, सूचना आयोग सहित अन्य आयोग में अब तक नियुक्ति क्यों नहीं
झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा कि लोकायुक्त, राज्य सूचना आयोग सहित अन्य आयोगों में अब तक नियुक्ति क्यों नहीं हुई. कोर्ट के आदेश का पालन क्यों नहीं हो पाया है. इस बिंदु पर अदालत ने जवाब देने का निर्देश दिया.
झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सूचना आयोग में सूचना आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर अवमानना याचिका सहित अन्य जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दाैरान प्रार्थियों का पक्ष सुना. खंडपीठ ने माैखिक रूप से राज्य सरकार से पूछा कि लोकायुक्त, राज्य सूचना आयोग सहित अन्य आयोगों में अब तक नियुक्ति क्यों नहीं हुई. कोर्ट के आदेश का पालन क्यों नहीं हो पाया है. इस बिंदु पर राज्य सरकार को जवाब देने का निर्देश दिया.
मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 11 मार्च की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता ऋतु कुमार, अधिवक्ता अभय कुमार मिश्र ने खंडपीठ को बताया कि नेता प्रतिपक्ष की घोषणा होने के बाद भी अब तक लोकायुक्त, राज्य सूचना आयोग, मानवाधिकार आयोग आदि संवैधानिक संस्थाअों में रिक्त पदों को नहीं भरा गया है. कोर्ट के आदेश का पालन भी सरकार नहीं कर रही है. राज्य सरकार की अोर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पैरवी की, जबकि बाबूलाल मरांडी की अोर से अधिवक्ता कुमार हर्ष उपस्थित थे.
उल्लेखनीय है कि प्रार्थी राजकुमार ने अवमानना याचिका दायर की है. उन्होंने हाइकोर्ट के आदेश का अनुपालन कराने की मांग की है. वहीं लोकायुक्त, राज्य मानवाधिकार आयोग, पुलिस शिकायत अॉथोरिटी सहित लगभग 12 संवैधानिक संस्थाओं में अध्यक्ष व सदस्यों का पद खाली है. इन पदों को भरने को लेकर एडवोकेट एसोसिएशन व अन्य की अोर से अलग-अलग जनहित याचिका दायर की गयी है, जिसकी सुनवाई साथ-साथ हो रही है.