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झारखंड हाईकोर्ट ने विजय हांसदा को धमकी मामले के अभियुक्तों के खिलाफ कठोर कार्रवाई पर लगायी रोक

मुकेश यादव और अशोक यादव ने रिट याचिका दायर कर धुर्वा थाने में दर्ज प्राथमिकी (240/2023) की जांच राज्य के बाहर की स्वतंत्र जांच एजेंसी से कराने का अनुरोध किया है.

हाइकोर्ट ने विजय हांसदा द्वारा अभियुक्त बनाये गये मुकेश यादव और अशोक यादव के खिलाफ पीड़क कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है. साथ ही राज्य सरकार, सीबीआइ और इडी को नोटिस जारी कर जवाब देने का निर्देश दिया है. विजय हांसदा ने इन दोनों के खिलाफ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने और धमकी देने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी है. यह मामला फिलहाल रांची के अपर न्यायायुक्त की अदालत में विचाराधीन है.

मुकेश यादव और अशोक यादव ने रिट याचिका दायर कर धुर्वा थाने में दर्ज प्राथमिकी (240/2023) की जांच राज्य के बाहर की स्वतंत्र जांच एजेंसी से कराने का अनुरोध किया है. इसमें राज्य सरकार, सीबीआइ और इडी को प्रतिवादी बनाया गया है. इस याचिका की सुनवाई गुरुवार को न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में हुई. मामले में अदालत ने राज्य सरकार, इडी और सीबीआइ को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

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मुकेश कुमार ने अपनी याचिका में कहा :

विजय हांसदा ने याचिका के नाम पर पैसे मांगे- मुकेश यादव की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि वह साहिबगंज में जल मार्ग से परिवहन का काम करता है. विजय हांसदा ने जेल में रहने के दौरान उससे संपर्क किया और यह कहा कि अवैध खनन करनेवालों ने उसे फर्जी मुकदमे में फंसा कर जेल भेज दिया है. उसने इन लोगों के खिलाफ अवैध खनन और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने के आरोप में एक प्राथमिकीं (6/2022) दर्ज करायी है. लेकिन, पुलिस की जांच पर उसे भरोसा नहीं है. इसके बाद उसके कहने पर हाइकोर्ट में याचिका (655/2022) दायर की गयी.

हाइकोर्ट ने इस याचिका की सुनवाई के बाद विजय हांसदा द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी की सीबीआइ जांच का आदेश दिया है. विजय हांसदा ने जेल से बाहर निकलने के बाद उसे (मुकेश को) फोन किया और हाइकोर्ट में दायर याचिका की सुनवाई जारी रखने के लिए पैसों की मांग की. कहा कि उसके द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी संख्या 6/2022 का एक अभियुक्त हाइकोर्ट में दायर याचिका वापस लेने के लिए बहुत पैसे देने को तैयार है. 16 अगस्त को विजय हांसदा को इस प्राथमिकी के विष्णु यादव नामक अभियुक्त के साथ देखा. कोर्ट में इडी के कुछ अफसर भी पहुंचे थे, जो हांसदा से पीएमएलए कोर्ट में गवाही नहीं देने के कारणों के सिलसिले में बात कर रहे थे. विजय हांसदा ने धुर्वा थाने में एक प्राथमिकी दर्ज करायी. इसमें याचिका दाता के खिलाफ धमकी देने और एससी, एसटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी. ऐसा अवैध खनन में शामिल प्रभावशाली लोगों के इशारे पर किया गया है.

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