रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने उत्क्रमित वेतनमान (अपग्रेड वेतन) को लेकर प्रारंभिक विद्यालय के शिक्षकों की ओर से दायर याचिकाओं पर फैसला सुनाया है. अदालत ने याचिकाकर्ताओं को छूट देते हुए कहा कि वह योजना सह वित्त विभाग तथा स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के सचिव के समक्ष अभ्यावेदन दें. अभ्यावेदन दाखिल करने की तारीख से दो माह के अंदर उक्त दोनों सचिव उत्क्रमित वेतनमान के मामले में राज्य सरकार द्वारा जारी प्रासंगिक परिपत्र/अधिसूचना/कार्यालय आदेश आदि के अनुसार उचित निर्णय लेंगे. अदालत ने उक्त आदेश देते हुए सभी याचिकाओं को निष्पादित कर दिया.
इससे पूर्व प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता अमित कुमार तिवारी ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया था कि कैबिनेट के निर्णय के बाद छठे वेतनमान की विसंगतियों को दूर करते हुए उत्क्रमित वेतनमान देने का संकल्प वर्ष 2013 में जारी किया गया था. शिक्षकों का वेतन निर्धारण भी किया गया. कई शिक्षकों को वेतन भुगतान भी हुआ था. इसमें एक जनवरी 2006 को छठे वेतनमान के तहत 4200 ग्रेड पे के साथ शुरुआती वेतनमान 16290 रुपये होना चाहिए था.
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यह उत्क्रमित वेतनमान सचिवालयकर्मियों को दिया जा रहा है, लेकिन शिक्षकों को नहीं दिया जा रहा है. शिक्षकों को भी शुरुआती वेतनमान 16290 रुपये मिलना चाहिए. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी धनंजय महतो, राजीव रंजन पांडेय सहित 474 शिक्षकों ने याचिका दायर कर उत्क्रमित वेतनमान देने के आदेश पर लगायी रोक को चुनौती दी थी.