24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड हाईकोर्ट ने रिम्स की कार्यशैली पर जतायी नाराजगी, कहा- शर्म आनी चाहिए

झारखंड हाइकोर्ट ने रिम्स में इलाज की लचर व्यवस्था और विभिन्न संवर्गों में रिक्त पदों पर नियुक्ति काे लेकर दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए रिम्स की कार्यशैली पर नाराजगी जतायी.

झारखंड हाइकोर्ट ने रिम्स में इलाज की लचर व्यवस्था और विभिन्न संवर्गों में रिक्त पदों पर नियुक्ति काे लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए रिम्स की कार्यशैली पर नाराजगी जतायी. कोर्ट ने माैखिक रूप से कहा कि शर्म आनी चाहिए कि रिम्स में एक ट्राॅली (स्ट्रेचर) के लिए मोबाइल गिरवी रखना पड़ता है. ऐसा लगता है कि रिम्स की कार्यशैली बद से बदतर हो गयी है. इसे कोर्ट ही चला रहा है.

वहीं कोर्ट ने चतुर्थ वर्ग के 467 विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए प्रकाशित विज्ञापन व उसके बाद निकाले गये संशोधित विज्ञापन में की गयी गलतियों की जांच के लिए समिति गठित करने की बात कही. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 23 नवंबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व रिम्स की ओर से अधिवक्ता डॉ अशोक कुमार सिंह ने पैरवी की.

वहीं सरकार की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि रिम्स में इलाज की बदतर स्थिति को गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. पिछली सुनवाई के दाैरान कोर्ट ने रिम्स में चतुर्थवर्गीय पदों पर नियुक्ति के लिए पहले झारखंड के नागरिकों, बाद में संशोधित कर झारखंड के निवासियों से आवेदन मांगा था.

इस पर कोर्ट ने नाराजगी जतायी थी तथा जवाब मांगा था. पूछा था कि किस कानून, नियम, परिनियम, सरकुलर या सरकार के किस आदेश से इस तरह का आवेदन मांगा गया है. सभी पद झारखंड के लोगों के लिए कैसे आरक्षित कर दिया गया. रिम्स में चतुर्थ वर्ग के 467 विभिन्न पदों पर चल रही नियुक्ति प्रक्रिया के तहत चयनित अभ्यर्थियों को अगले आदेश तक नियुक्ति पत्र देने पर भी रोक लगा दी थी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें