रांची : झारखंड में टेरर फंडिंग के आरोपियों को 10 सितंबर तक अंतरिम राहत मिल गयी है. इनके खिलाफ पुलिस या जांच एजेंसियां कोई पीड़क कार्रवाई नहीं कर पायेंगी. दरअसल, झारखंड हाइकोर्ट ने एक जेनरल ऑर्डर पास किया है, जिसका लाभ टेरर फंडिंग के आरोपियों को भी मिल गया है.
सोमवार (17 अगस्त, 2020) को झारखंड हाइकोर्ट ने उन सभी मामलों में अंतरिम राहत 10 अगस्त तक बढ़ाने का जेनरल आदेश पारित कर दिया, जिसमें पहले 14 अगस्त तक अंतरिम राहत देने का आदेश पारित किया गया था. इस तरह अब टेरर फंडिंग मामलों के आरोपियों को भी राहत मिल गयी है.
टेरर फंडिंग मामला में महेश अग्रवाल, अमित और विनीत अग्रवाल आरोपी हैं. हाइकोर्ट के इस जेनरल ऑर्डर का लाभ इन लोगों को भी मिल गया है. यानी 10 सितंबर, 2020 तक अब इनके खिलाफ कोई पीड़क कार्रवाई नहीं हो सकेगी. इस आदेश के कारण अदालत ने उन्हें जो राहत दी थी, वह 10 सितंबर तक बढ़ गयी है.
टेरर फंडिंग मामले से जुड़े आरोपियों की याचिका पर अब सितंबर में सुनवाई होगी. झारखंड हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन एवं जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की दो जजों की पीठ ने इनकी याचिका पर सुनवाई की. इसके बाद पूर्व में दी गयी राहत की अवधि को विस्तार देते हुए एक जनरल ऑर्डर पास कर दिया.
अमित अग्रवाल, महेश अग्रवाल और विनीत अग्रवाल पर चतरा जिला में स्थित मगध एवं आम्रपाली प्रोजेक्ट में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन और नक्सली संगठनों को आर्थिक मदद पहुंचाने के गंभीर आरोप हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने इन सभी को आरोपी बनाया है.
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आरोपियों ने एनआइए के खिलाफ झारखंड हाइकोर्ट में गुहार लगायी है. इनका कहना है कि ये लोग खुद पीड़ित हैं, जबकि जांच एजेंसी ने इन्हें आरोपी बना दिया है. इस केस में अन्य आरोपी सुदेश केडिया और अजय सिंह न्यायिक हिरासत में हैं. एनआइए की विशेष अदालत ने इनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी है.
Posted By : Mithilesh Jha